हॉट मामी वांट सेक्स कहानी में मेरे मामा के एक्सिडेंट से वे असमर्थ हो गए थे. मैं उनकी सेवा के लिए उनके पास रहने लगा. चुदाई के बिना मामी की वासना बढ़ रही थी. मैंने उसका हल किया।
फ्रेंड्स, मेरा नाम मुकुंद है।
मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ।
मेरे परिवार में मैं मेरी मम्मी और मैं ही रहता हूँ।
मेरी मम्मी का मायका प्रतापगढ़ में है।
काफी दिन से मैं अपने मामा के यहां ही रहता हूँ क्योंकि मेरे मामा का एक्सिडेंट हो गया था, जिससे वे चलने में असमर्थ हो गए थे।
अब वे बस लेटे रहते थे, कुछ कर नहीं पाते थे।
उनकी सेवा करने के लिए मैं उनके घर आ गया था।
मेरे मामा 38 साल के हैं।
उन्हें बिस्तर पर पड़े पड़े दो साल हो गए थे।
लैट्रीन के लिए भी उन्हें सहारा देकर उठा कर ले जाना पड़ता था. उस वजह से उन्हें मेरी ज़रूरत पड़ती थी।
मैं और मामी उनकी सेवा करते थे।
मामी घर में अकेली थीं, उनका एक लड़का जो अभी छोटा था तो उन्हें मेरी जरूरत थी।
मामी की उम्र अभी 36 साल है, मेरी मामी जवान हैं और मामा की असमर्थता के कारण वे चुदासी रहने लगी थीं, जबकि वे काफ़ी चुदक्कड़ किस्म की महिला हैं।
वे अपनी चूत की प्यास अपनी चूत में उंगली डालकर करती हैं, लेकिन पहले मुझे यह सब पता नहीं था।
मामी मुझे बहुत प्यार करती थीं, मुझे गले से लगा लेती थीं। मैं सोच रहा था कि वे मुझसे प्यार करती हैं इसलिए ऐसा करती हैं, जबकि मैं गलत था, वे मुझसे चुदवाना चाहती थीं।
जब मैंने उन्हें देखने का नजरिया बदला और उन्हें किसी माल की नजर देखा तो समझ में आया कि वे तो एकदम रेडी टू फक वाली आइटम हैं।
उन दिनों हुआ यूं कि मामी जी की भी तबीयत खराब रहने लगी थी, एक दिन उनकी कमर में दर्द हो रहा था तो उन्होंने मुझसे कहा- मोनू, मेरी कमर में तेल मालिश कर दो!
वे मुझे प्यार से मोनू बुलाती थीं।
मैं बोला- ठीक है मामी!
उनकी कमर में तेज दर्द हो रहा था, वे बिस्तर पर लेट गईं।
मैं उनके पीछे ही तेल लेकर बैठ गया और तेल लगाने लगा।
मामी ने साड़ी पहनी हुई थी, मैंने साड़ी का पल्लू नीचे किया और मामी का ब्लाउज पीछे से खोल दिया।
उन्होंने कुछ भी नहीं कहा, मैं उनकी कमर में तेल लगाने लगा।
मामी की ब्रा की पट्टी हाथ में अटक रही थी।
तो मैं मामी से बोला- मामी इसे भी खोल दूँ?
मामी बोलीं- ठीक है।
मैं उनके बदन पर मालिश करता रहा और मामी की गांड पर बैठ गया।
थोड़ी देर में ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मामी की गांड पर रगड़ मारने लगा था।
मामी बोलीं- मोनू ये मुझे क्या चुभ रहा है?
यह कहते हुए उन्होंने अपने हाथ से मेरे लंड को सहला दिया।
मामी बहुत मजाकिया टाइप की थीं तो मैं शर्मा गया और हँसने लगा. मैं समझ गया कि हॉट मामी वांट सेक्स!
वे बोलीं- कोई बात नहीं, सही कर लो … मुझे चुभ रहा है!
मैं बोला- ठीक है मामी।
थोड़ी देर बाद फिर से मामी की गांड में मेरा लंड घुसने लगा।
मामी को लंड चुभने के साथ अच्छा भी लग रहा था लेकिन वे कुछ बोल नहीं रही थीं।
अब मैं उठा और कहा- मामी आपका हो गया!
अभी वे कुछ कहतीं, तभी मामा की आवाज़ आई- मोनू!
मैं बोला- हां मामा!
वे बोले- यहां आओ, मुझे बाथरूम जाना है, थोड़ा करवा लाओ!
मैं बोला- ठीक है मामा।
मैं चला गया।
कुछ देर बाद मैंने चाय बनाई और हम सब लोग बैठ कर चाय नाश्ता करने लगे।
मैं बाहर घूमने चला गया, शाम को वापस आया तो मामी रसोई में खाना बना रही थीं।
खाना बनने के बाद मामा, मामी और मैंने एक साथ खाना खाया और सब लोग लेट गए।
रात में मामी मेरे पास आईं और बोलीं- मोनू प्लीज मेरी कमर में तेल मालिश कर दो यार… मेरी कमर में फिर से दर्द हो रहा है!
मैं बोला- ठीक है, आप लेट जाओ अभी कर देता हूँ.
मामी- ठीक है.
मैं उनकी कमर में तेल मालिश करने लगा।
मैं मामी से बोला- मामी अपने कपड़े उतार दो, तेल लग रहा है. कपड़ों में लग जाएगा।
उन्होंने तुरंत अपनी साड़ी ऐसे निकाल दी, मानो वे यही सुनने का इंतजार कर रही थीं।
मैं फिर से तेल मालिश करने लगा और मैंने उनके ब्लाउज के बटन व ब्रा को भी खोल दिया।
मामी ने अपने ब्लाउज के बटन और ब्रा का हुक खुलते ही अपने उन दोनों कपड़ों को खुद ही उतार दिया।
अब वे ऊपर से नग्न हो गई थीं लेकिन वे औंधी लेट गई थीं इसलिए मुझे उनके दूध न दिख सके।
पर मेरे जैसे युवा को अपने सामने अपने सपनों की रानी के नग्न दूध की कल्पना मात्र से रहा नहीं जा रहा था।
मुझे ऐसा लग रहा था कि बस अभी ही अपने हाथ बढ़ा कर मामी के मम्मों को पकड़ कर भींच लूँ और उनकी चुदाई करना शुरू कर दूँ।
मैं उन्हें देख रहा था और वे औंधी लेट गई थीं।
तभी मामी ने कहा- मोनू क्या सोच रहे हो… आ जाओ न और फिर से करो मेरी मालिश!
मैं हां कहते हुए उन्हें देखने लगा. मामी केवल पेटीकोट और पैंटी में थीं।
मैंने मामी से कहा- अब इन्हें भी निकाल दो न… तो मैं आपकी सही से मालिश कर दूंगा।
मामी बोलीं- हां ठीक है, मैं उतार देती हूँ।
उन्होंने पेटीकोट का नाड़ा ढीला किया और नीचे सरका कर निकाल दिया।
उसके बाद मामी केवल चड्डी में रह गई थीं।
मैं उनकी गांड के जरा ऊपर तेल से मालिश कर रहा था और धीरे से मामी की चड्डी को सरका कर उनकी गांड पर भी हाथ फेर दे रहा था।
वे मजे में मेरे हाथ का आनन्द ले रही थीं।
वे बोलीं- जरा ऊपर को भी करो न!
यह सुनकर मैं उनकी गांड पर बैठ गया और उनकी पीठ को तेज तेज मसलते हुए मालिश करने लगा।
उस वजह से मेरा लंड उनकी गांड से रगड़ने लगा और जल्द ही खड़ा हो गया।
मेरा लंड मामी की गांड की दरार में लग रहा था।
इस बार मामी स्पष्ट शब्दों में बोलीं- तुम्हारा लंड मेरी गांड पर लगा रहा है!
मैं वासना से तप्त हो गया था तो बिंदास उनकी एक चूची को साइड से दबाता हुआ बोला- कोई बात नहीं, लगने दो … आपको अच्छा लग रहा है न!
मामी बोलीं- हां अच्छा तो लग रहा है लेकिन तुम उसे पैंटी के ऊपर से क्यों रगड़ रहे हो, मेरी पैंटी भी निकाल दो!
मैंने तुरंत उनकी पैंटी को निकाल दिया।
वे भी तुरंत मुड़ कर मुझे देखने लगीं।
अब मामी मेरे सामने नंगी एकदम थीं और अपने होंठ दबा कर मुझे वासना से देख रही थीं।
उनके होंठों पर जहरीली मुस्कान थी।
मैंने अपना एक हाथ आगे बढ़ाया और उनके गाल को सहला दिया।
वे अपने एक हाथ को पीछे उठा कर मेरे लंड को टच करते हुए कुछ इशारा करने लगीं।
मैं समझ गया और उन्हें नंगी देख कर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए।
अब मैंने पीछे से ही मामी की गांड में अपना लंड को सैट कर दिया और तेल लगाने लगा।
मामी बोलीं- बहुत मजा आ रहा है, जरा और अन्दर तक करो!
यह सुनकर मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और मामी की गांड में घुसेड़ने लगा।
मामी चिल्लाईं- उइ … यह क्या कर रहे हो?
मैं बोला- कुछ नहीं मामी बस आपको मजा देने की कोशिश कर रहा हूँ!
वे बोलीं- मजा देने की जगह तुम दर्द दे रहे हो… पीछे वाले छेद में मत डालो… उधर बहुत दर्द होता है! अभी तक मैं कभी अपनी गांड नहीं मरवाई हूँ. मेरी चूत में पेलो।
मैंने कहा- ओके!
मैंने पीछे से ही अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर मामी की चूत में पेल दिया और लंड घुसेड़ कर उनकी चूचियों की तेल से मालिश करने लगा।
थोड़ी देर बाद मामी बोलीं- तेल मालिश बंद कर दो और मेरी चूत की आग को बुझा दो. जब से तुम्हारे मामा का एक्सिडेंट हुआ है, तब से अभी तक मेरी चूत की आग भभक रही है. आज तुम मेरी चूत की आग को बुझा दो।
यह कह कर मामी सीधी हो गईं और मुझे प्यासी नजरों से देखने लगीं।
मेरा लंड अभी सही से नहीं लगा था तो उनके मुड़ते ही चूत से निकल गया।
मैंने मामी से अलग होकर उन्हें पलटने को कहा।
वे झट से सीधी हो गईं और मैंने मामी की चूत में ज़बरदस्ती अपना मुँह लगा दिया।
मैं मामी की प्यासी बुर को चाटने लगा।
पानी की बुर से अजब सी महक आ रही थी लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मैं मामी की बुर चूसने लगा और उनकी बुर में अपनी पूरी जीभ को अन्दर घुसेड़ दिया।
मामी को बहुत मजा आने लगा।
वे मेरा हाथ पकड़ कर बोलीं- अब जल्दी से चूत को पूरा मजा दे दे।
मैंने पोज बनाया और उनकी चूत में अपनी एक उंगली को पेल दिया।
मामी को अपनी चूत में मेरी उंगली को लेते ही गजब का नशा हो गया।
वे बोलीं- दूसरी उंगली भी अन्दर डालो।
मैंने दूसरी उंगली भी अन्दर पेल दी।
उनकी आह निकली और वे अपनी टांगों को फैलाती हुई बोलीं- तीन उंगलियां डालो।
मैंने तीसरी उंगली को भी डाल दिया और चूत की रगड़ाई करने लगा।
मैं अपनी उंगली से मामी की चूत चोदने लगा था तो वे बोलीं- मोनू बस कर अब लंड पेलो।
मैं बोला- हां मामी, मैं अभी अपना पूरा हथियार डाल देता हूँ।
मैंने पोज बनाया और उनकी चूत में अपना लंड का सुपारा रख दिया।
मैं उनके ऊपर चढ़ गया।
मामी मुझे वासना से देख रही थीं।
मैंने अपने होंठ उनके होंठों से लगा दिए।
मामी ने अपने हाथों से मेरी गांड को अपनी तरफ खींचा तो मेरा लंड उनकी चूत में घुस गया।
अब मामी दर्द से बिलबिलाने लगीं- आह मोनू, जरा धीरे से अन्दर करना… मेरी चूत एकदम चिपक गई है।
मैंने उनकी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और चूसते हुए उसे खींचने लगा।
मामी को अब मजा आ रहा था।
फिर मैंने थोड़ा सा लंड मामी की चूत में और अन्दर पेला।
मामी को बेहद दर्द होने लगा था और उनकी चूत से पानी रिसने लगा था।
धीरे धीरे मैंने अपना लंड पूरा मामी की चूत में पेल दिया और उनके ऊपर लेट गया।
अब मैं लंड अन्दर पेले हुए ही मामी के होंठों की चुसाई के साथ अपने दोनों हाथों से उनकी चूचियों को मसल रहा था।
इस वजह से मेरा पूरा वजन मामी के ऊपर था।
वे भी मुझे अपने ऊपर चढ़वा कर जरा सा भी वजन महसूस नहीं कर रही थीं।
मामी सेक्स के बहुत नशे में थीं शायद, जिससे उनको मेरा भार पता ही नहीं चल रहा था।
कुछ देर बाद मैं सही से हुआ और उनकी चूत में लंड को अन्दर बाहर करने लगा।
मामी मेरे लंड के मज़े ले रही थीं।
अब तो उनकी मादक आहें निकलने लगी थीं।
वे बोल रही थीं- आआह अया मोनू … मजा आ गया आह खूब तेज तेज मालिश कर दो मेरी चूत की… आह इसकी अन्दर तक की खुजली मिटा दो… मैं दो साल से प्यासी हूँ।
कामुक भाव से मामी मुझे तेज चोदने के लिए बोल रही थीं।
मैंने उनकी चूत से लंड निकाला और अपने लंड पर थोड़ा सा और तेल लगा कर मामी की चूत में वापस घुसेड़ दिया।
करीब 10 मिनट तक चुदाई करने के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया और वे भी झड़ गईं।
फिर हम दोनों नंगे ही लेटे रहे।
कुछ देर बाद मामा की आवाज आई- मोनू कहां हो?
मैं तुरंत उठा और कपड़े पहन कर मामा के पास चला गया।
शायद मामा को पेशाब के लिए बाहर जाना था।
मैं उनको लेकर पेशाब करवाने ले गया।
तब तक मामी भी कपड़े पहन कर आ गईं, मामी ने मेरा हाथ पकड़ कर मामा को सहारा दिया और मैं उनके हाथ को अपने हाथ में लेकर मुस्कुराने लगा।
कुछ देर बाद मैं मामा को वापस लिटा कर अपने कमरे में आ गया।
मामी मामा के पास ही लेट गईं।
ऐसे ही अब मैं और मामी हमेशा चुदाई करने लगे थे।
अगले दिन से मैंने मामी के साथ किस तरह से चुदाई का सही सिस्टम बनाया और उनकी कुंवारी गांड को खोल कर उनके दूसरे छेद को चालू कर दिया।
यह सब मैं अपनी अगली कहानी में लिखूँगा।