ट्रेनिंग पर आई नर्स के साथ चुदाई का मजा

दोस्तो, कैसे हो आप सब?
बहुत दिनों के बाद अपनी नई और सच्ची कहानी लिख रहा हूँ।

मेरी छह महीने की ट्रेनिंग आई तो मुझे जाना पड़ा।

दूसरे दिन मैं ट्रेनिंग के लिए निकला और उस अस्पताल मैं पहुँचा।
वहां जाकर देखा कि वहां तो नर्सिंग के लिए भी लड़कियों की ट्रेनिंग थी।
क्या बताऊं यारो … एक से एक 19-20 साल की लड़कियां थी।

वहां मेरे ट्रेनर ने मुझे सब बताया और मेरे हाथ में एक डिपार्टमेंट सौम्प दिया।

वहां पर मेरी वाली तीसरी लड़की मुझे मिली।

दूसरे दिन दो ट्रेनी नर्स लड़कियां मेरे पास आई और मुझे एक मरीज के बारे में बताने लगी.

मैंने जाकर देखा तो उसका इमर्जेंसी ओपरेशन करना पड़ा।
गलती उन लड़कियों की थी तो उनको बहुत प्रॉब्लम होने वाली थी लेकिन मैंने सब संभाल लिया।

वे दोनों घबरा गयी थी।
मैंने दोनों को देखा तो दोनों ऐसी थी कि मन किया कि उनको अभी लेकर जाऊं रूम पर और पटक के चोद डालूं।
लेकिन मेरे मन में तो कुछ और प्लान चल रहा था, दोनों को चोदना था।

फिर थोड़ी देर बाद मेरा ट्रेनर आया और मुझे भला बुरा कहा.
लेकिन मेरा पहला दिन था तो ज्यादा कुछ किया नहीं.

वे दोनों लड़कियां देख रही थी।
गलती उनकी थी तो उनको लगा होगा कि मैं उनका नाम लूंगा लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।
वे दोनों मुझ से इंप्रेस हो गयी।

मैंने उन दोनों में से एक मनीषा को पहले पसंद करके चोदने की सोची.
दूसरी का नाम रानी था.

फिर रात को हम खाना खाने बैठे तो दूसरी वाली रानी मेरे पास आकर बैठ गयी और मनीषा मेरे सामने बैठी।

हम खाना खाने लगे तो रानी कुछ ज्यादा ही मेरी तरफ देखकर और हंस हंस कर बातें करने लगी और मैं भी उसके साथ बातें करने लगा।

मैंने मनीषा को देखा तो वह मुझे कुछ नाराज दिखी।
मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया।

सब खाना खाकर थोड़ी देर बातें करने लगे।
रात के बारह बजे तो मैंने सोचा कि रूम पर जाकर आराम करता हूँ।
तो मैंने रानी को बोल दिया- मैं रूम पर जा रहा हूँ. अगर कुछ इमर्जेंसी आती है तो मेरे रूम पर आकर बता देना।
और मैं वहां से रूम पर आया।

रात को दो बजे मेरे रूम का दरवाजा बजा.
तो मैंने सोचा कि अस्पताल से ही कोई होगा।

मैंने दरवाजा खोला तो सामने रानी खड़ी थी.
तब मैंने उसको पूछा- क्या हुआ, कोई इमर्जेंसी आई क्या?

वह बोली- मैं ऐसे ही नहीं आ सकती क्या?
मैं बोला- आ सकती हो लेकिन इतनी रात बेवजह क्यों आई?
वह बोली- मनीषा सो गयी है इसलिए आपके पास आ गई।

मैंने सोचा ‘यार ठीक है।’

उसको मैंने अंदर बुलाया और बैठने के लिए बोल दिया।
वह मेरे बेड पर बैठी।

मैंने पूछा- अब बोलो क्या काम था?
वह बोली- दोपहर जो हुआ उसमें हम दोनों की गलती थी तो आपने अपने ऊपर क्यों लिया?
मैं बोला- अभी तुम ट्रैनी हो, अगर मैं बता देता तो छह महीनों के लिए बाहर जाना पड़ता।

तो उसकी आँखों में आँसू आ गये और बोली- आपको बुरा लगा होगा.
मैं बोला- ठीक है, कुछ बड़ी बात नहीं, ऐसी बातें होती हैं।

लेकिन वह बोली- मुझे आपको कुछ देना है और आपको थैंक्स भी कहना है।
मैं बोला- ठीक है।

लेकिन मैंने उसको पूछा- तुम्हारे पीछे मनीषा तो नहीं आयेगी?
वह बोली- नहीं, वह जब सोती है तो उसको जल्दी उठाना आसान नहीं। वह अब जल्दी नहीं उठेगी। और बाकी मरीज सो गए हैं। डोरकीपर को बताकर आई हूँ कि रूम पर जा रही हूँ. कोई आया तो वह फोन करेगा.

तो मैं थोड़ा रिलेक्स हुआ और उसको पूछा- अब क्या?
वह बोली- थैंक्स!

और मुझे कुछ समझ आता … तभी उसने मेरे गाल पर एक किस कर दी।

मैं थोड़ा नींद में था पर इस किस से मेरी नींद उड़ गयी।
मैंने उसको पूछा- यह क्या था?
वह बोली- थैंक्स बोला।

इतने से ही मेरे लंड महाराज जाग उठे थे.
मैंने उसको बोला- थैंक्स ऐसे नहीं करते।

तो रानी के ओंठ और गाल लाल हो गए।

मैं बोला- थैंक्स करना है तो अच्छे से करो, नहीं तो चली जाओ!
वह बोली- आप पहले इंसान हैं जिसे मैंने किस किया।

मैं बोला- मुझे ऐसे थैंक्स नहीं चाहिए.
तो वह बोली- अगली बार पक्का दूँगी।

लेकिन मेरे लंड महाराज खड़े हुए थे.
मैं बोला- अभी नहीं तो कभी नहीं … और मुझसे बात भी मत करना।

उसने रोने जैसी शक्ल बनाई और बोली- मैंने कभी नहीं किया है। और मुझे आता भी नहीं!
मैं बोला- ठीक है, मैं करूँगा लेकिन तुमको मेरा साथ देना पड़ेगा।

तो थोड़ा वक़्त लेकर वह लिप किस देने के लिए तैयार हो गयी।
लेकिन वह बोली- पहले लाइट बंद करो, मुझको शर्म आती है।

तो मैंने लाइट बंद की.
लेकिन उससे पूरा अंधेरा हो गया।
तो मैं उसको ढूंढने लगा।

फिर अचानक मेरा हाथ उसके बूब्स पर गया।
मुझे तुरंत समझ में आ गया कि यह उसका बूब है.

लेकिन मैंने उसको पकड़कर रखा तो उसकी मुख से आह निकली।
फिर मैं उसके बूब को पकड़कर उसके पास गया।

वह मेरे बिल्कुल सामने खड़ी थी तो मैंने अपना मुंह उसके मुंह के पास लेकर गया.
तब मैंने उसका बूब छोड़कर उसका चेहरा दोनों हाथों में लिया और उसके कान के पास जाकर बोला- ज्यादा दर्द तो नहीं हुआ?
वह धीरे से बोली- नहीं।

फिर मैंने पूछा- क्या मैं तुमको किस कर लूं?
वह सिर्फ हम्म बोली।

तो मैंने उसको और करीब खींचा और उसकी मखमली ओठों पर मेरे ओंठ रख दिये।

थोड़ा वक़्त लगा, फिर वह मेरा साथ देने लगी.
करीब दस मिनट मैंने उसके ओठों को चूसा; मेरी जीभ उसके मुंह में डाली, उसकी जीभ को चूस लिया।
उसकी हालत खराब हो गयी।

फिर मैंने धीरे से उसके बूब पर हाथ रखा.
तो उसने मेरा हाथ पकड़ा और बोली- ये नहीं।

मैं कुछ नहीं बोला लेकिन उसका बूब भी नहीं छोड़ा।
और मैं उसको किस करने लगा.
तो धीरे धीरे वह गर्म होने लगी.

मैंने दोनों हाथों से उसके दोनों बूब मसलना शुरू किया.
वह अच्छे से गर्म हो गयी तो मैंने उसका एक हाथ पकड़कर मेरे लंड पर रख दिया।

इस बार उसने सीधा मेरा लंड पकड़ा और पैंट के ऊपर से ही लंड को हिलाने लगी।
वह बहुत ज्यादा गर्म हो गयी थी तो मुझे भी मजा आ रहा था।

फिर मैंने धीरे से मेरी पैंट खोल दिदी और उसका हाथ मेरी पैंट में डाल दिया तो उसने झट से मेरा लंड पकड़ लिया और दबाने लगी।
तो मेरा लंड कड़क हो गया।

हम वैसे ही चुम्मा चाटी करने लगे.
लेकिन वह मेरा लंड सिर्फ दबा रही थी.
तो मैंने उसको पूछा- कभी लंड हिलाया या नहीं?
वह बोली- जिंदगी मैं पहली बार किस किया है, लंड कहाँ से हिलाऊंगी.

तो मैंने पूछा- सच में तुम वर्जिन हो?
वह बोली- हाँ।

फिर मैंने उसको बोला- आज चलो कुछ करते हैं!
तो वह बोली- आज नहीं ऐसे जल्दबाजी में नहीं।

मुझे भी वह ठीक लगा क्योंकि मछली तो जाल में फंस गयी थी और मेरे पास छह महीने भी थे.
और दूसरे अगर कोई इमर्जेंसी आ जाती तो परेशानी होती।

लेकिन मैंने उसको बोला- मेरा तो खड़ा हुआ है. जब तक इसका माल बाहर नहीं आयेगा, यह शांत नहीं होगा।
तो वह बोली- अब क्या करें?
मैं बोला- मेरे लंड को भी पप्पी दे … तो कुछ हो सकता है।
वह भी गर्म थी तो तैयार हो गयी।

मैं बोला- मुझे भी तेरी चूत को किस करना है.
तो वह बोली- ठीक है।

मैंने उसको कपड़े उतारने के लिए बोला।
बिजली बंद थी तो उसने अपने कपड़े उतार दिये और पलंग पर बैठ गयी।

मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े उतारे और उसके साथ लेट गया, उसको बाहों में लिया और किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी।

फिर मैंने उसका मुंह मेरे लंड की तरफ कर दिया और पैर पकड़ कर मेरे मुंह की तरफ कर लिए तो उसकी चूत मेरे मुंह के सामने आई और मेरा लंड उसके मुंह के सामने आ गया।

तब मैंने उसको बोला- पहले मेरे लंड को ऊपर नीचे कर और फिर मुंह में ले।
तो उसने भी वैसा ही किया.

उसकी चूत मेरे मुंह के सामने थी तो मैंने हाथ से उसकी चूत को छुआ।
क्या मखमली चूत थी.
दिख तो नहीं रहा था लेकिन महसूस कर रहा था.

फिर मैंने उसके चूत के दाने को छुआ तो वह उछल पड़ी और मेरा लंड गप्प से मुंह में ले लिया।
उधर मैंने भी देर ना करते हुए अपनी जीभ से कुवारी लड़की की सेक्सी चूत को चाटना शुरू किया, उसके मुंह से आवाज आने लगी।

वह बहुत गर्म हो गयी थी.
तो मैंने जीभ से उसकी चूत को चोदना शुरू किया.
वह भी मेरा लंड जोर से चूसने लगी.

करीब दस मिनट बाद वह मेरे मुंह पर झड़ गयी।
लेकिन मेरा अभी नहीं निकला था तो मैंने उसको बैठाया और मैं खड़ा होकर मेरा लंड उसके मुंह में डाल दिया और उसके मुंह को चोदने लगा।

पांच मिनट बाद मैं उसके मुंह में झड़ गया।
जैसे ही मेरा हो गया, उसके फोन पर काल आया गेटकीपर का।

तो जल्दी जल्दी मैंने लाइट चालू की और उसने काल लिया.
तो गेटकीपर बोला- मनीषा तुम को ढूंढ रही है।
तो वह बोली- उसे बोलो कि आ रही हूँ।

हमने अपने कपड़े पहने.
फिर मैंने उसको अपनी तरफ खींचा और फिर एक बार किस किया और बोला- अगली बार हम बाहर कहीं अपनी सुहागरात मनाएंगे।

इसके बाद वह वहां से चली गयी और मैं सो गया।

दूसरे दिन मैं थोड़ी देर से उठा।
फिर मैं तैयार होकर अस्पताल गया।

वहां जाकर पता चला कि रानी की जान पहचान वाला कोई रिश्तेदार गुजर गया तो वह सुबह गाँव चली गयी।
रात में इतना सब हुआ लेकिन उसका नंबर लेना मैं भूल गया।

मनीषा की भी ड्यूटी खत्म हो चुकी थी तो वह भी चली गयी थी।
मैं थोड़ा नाखुश हुआ.

पर मैंने सोचा कि साला अब कब आयेगी और कब मेरा काम होगा।

मम्मी से ज्यादा मुझे चोदते हैं मेरे पापा

आज मैं आपको अपनी अन्तर्वासना की कहानी यानी बाप बेटी की सेक्स कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूँ। ये मेरी पहली सेक्स कहानी है। मैं पहली

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