सब को मेरा प्यार भरा नमस्कार।
मेरा नाम सिद्धेश है, मैं पुणे का रहने वाला हूं और मैं बिजनेस करता हूं।
यह सेक्सी भाबी का मजा 2016 की है जब मैं 22 साल का था।
तब मैं इंजीनियरिंग की लास्ट ईयर में पढ़ता था और उसी के साथ साथ गिटार बजाने के भी कला मुझमें थी।
तब मेरी सोसाइटी में एक भाभी हुआ करती थी, उसका नाम लीला था, वह उम्र में मुझसे 14 साल बड़ी थी मतलब 36 साल की थी।
और उसकी फिगर क्या बताऊं… एकदम क़यामत थी।
गोरी चिट्टी भाभी, 36″ के बूब्स उसके और कमर 34″ की और गांड 38″ की थी, किसी का भी लंड खड़ा हो जाए … ऐसी उसकी फिगर थी।
भाभी एक स्कूल में टीचर का काम किया करती थी और स्कूल के बाद वह घर पर ही होम ट्यूशन लिया करती थी।
मेरा स्वभाव हंसी मजाक वाला होने के कारण मेरी भाभी से बहुत ज्यादा जमती थी।
मैं भी कभी-कभी भाभी के साथ ट्यूशन लेने बैठ जाता था मस्ती मजाक में यहां वहां भी छू लेता था, भाभी भी कुछ कहती नहीं थी… शायद वह भी यही चाहती थी कि मैं उसे छू लूं।
गर्मी के कारण भाभी पसीने से भीग जाती थी तो मैं मस्ती मजाक में उसके बाल उसके कान के पीछे कर देता था।
तो वह भी हंस लिया करती थी और स्माइल देती थी मुझे देखकर… और शर्मा जाती थी कभी-कभी।
एक दिन भाभी मुझसे बोली- यार, तुम गिटार बजा लेते हो, मुझे भी गिटार सीखनी है, क्या तुम मुझे सिखाओगे?
मैंने भी यहां वहां कुछ ना सोच कर कह दिया- भाभी, कोई बात नहीं. कल आप मेरे घर आ जाना. मैं आपको गिटार सिखाना शुरू कर दूंगा।
वैसे भी मेरे घर पर दोपहर का कोई नहीं होता तो और मैं कॉलेज से दोपहर 1:00 बजे तक आ जाता था तो मैं घर पर दिन भर अकेला ही होता था और भाभी का हस्बैंड अरिहन्त भी उसका खुद का बिजनेस होने के कारण वह भी दिन भर बाहर ही रहता था।
तो भाभी मेरे घर पर आ गई, मैंने उसको गिटार थमा दिया।
लेकिन भाभी को कॉल आ गया और भाभी को कुछ काम के कारण जाना पड़ा।
फिर दो-तीन दिन कोई काम के कारण भाभी आ नहीं पाई और अचानक चौथे दिन उनके हस्बैंड अरिहन्त का घर में फिसल के एक्सीडेंट हो गया और उनके घुटनों में लिगामेंट की सर्जरी करनी पड़ी, तो उसके बाद भाभी कुछ दिन उसी काम में लगी रही।
जब अरिहन्त घर पर आ गए तो वे तो पूरे बेड रेस्ट पर ही थे, और मैं समझ चुका था कि भाभी असंतुष्ट है।
ऑपरेशन की वजह से भाभी के हस्बैंड कुछ कर नहीं पाते हैं तो मैंने खुद भाभी जी से पूछ लिया- भाभी जी, आपको गिटार सीखनी थी?
भाभी बोली- अभी तो मैं कुछ फ्री हो गई. कल आती हूँ तुम्हारे घर!
दूसरे दिन भाभी मेरे घर पर आई दोपहर को!
मैंने उनकी गिटार दी और बताया कि तार पर फिंगर कैसे लगाते हैं और कैसे तार दबाते हैं।
लेकिन भाभी जी को बराबर प्रेशर देना नहीं आ रहा था उंगली से!
तो भाभी जी बोली- तुम ही मुझे बता दो कैसे तार दबाना है।
मैं भाभी के बाजू में बैठा, उनकी बांहों से आगे हाथ डालते हुए उनका हाथ पकड़ लिया और उंगली से तार दबाने लगा
फिर भी भाभी जी का प्रेशर ठीक से नहीं पड़ा तो मैंने भाभी जी का हाथ पकड़ कर वहां पर लगा दिया।
यही करते-करते मेरा नाक और मुंह भाभी जी के गर्दन के पास आ गया और मेरी सांस फूलने लगी।
भाभी जी को भी यह एहसास हो रहा था कि मेरी सांसें उनके कान के पास आ रही हो तो भाभी जी भी थोड़ी गर्म होने लगी थी।
तभी अचानक से भाभी जी मुड़ी और उनककी आंखें मेरी आंखों के सामने आ गई, और मैंने कुछ सोचे समझे बगैर ही भाभी जी के होठों से होंठ लगा दिए।
भाभी जी पूरे मूड में आ गई थी, हमने गिटार एक तरफ रख दी और हम वहीं पर चालू हो गए।
मैंने यहां वहां किस करते हुए भाभी के पूरे चेहरे को चूम लिया, उनकी आंखों को किस किया तो भाभी जी की सिसकारियां निकलने लगी।
भाभी भी इतने जोर से किस कर रही थी कि मुझे सांस लेना मुश्किल हो रहा था।
वे इतनी गर्म होने लगी थी कि उन्होंने अपना हाथ मेरे टीशर्ट में डाल दिया और मेरे पेट को सहलाने लगी।
मुझे भी ग्रीन सिग्नल मिल गया था, मैंने भी भाभी जी के उरोज कपड़ों के ऊपर से ही दबाना चालू कर दिया, भाभी जी मैक्सी पहन कर आई थी।
उन्हें और मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, हम सब भूल कर बस किस कर रहे थे और एक दूसरे को संतुष्ट करने की होड़ में लगे थे।
तभी भाभी जी ने मेरा टीशर्ट निकाल दिया और मेरे निप्पल को उंगली से छेड़ने लगी. फिर मेरी निप्पल को चूसने लगी.
मैं भी पूरा चार्ज हो चुका था, मैंने भाभी का गाउन निकाल कर फेंक दिया. भाभी ने अंदर बस पेंटी काली और एक लाल रंग की ब्रा पहनी थी।
मैंने ब्रा के ऊपर से उनके बूबे जोर जोर से दबाना चालू कर दिया, भाभी के बूब्स इतने मुलायम और सॉफ्ट थे कि जैसे मानो मक्खन के पेड़े दबा रहा हूँ।
अब मैं भाभी जी के गले के ऊपर किस करते करते उनके कंधों पर किस करने लगा, तब मैं उनका हाथ उठाकर उनकी कांख में किस करने लगा, उनकी कांख में छोटे-छोटे बाल थे, वे मुझे मदहोश कर रहे थे।
उनके तन की सुगंध थी मेरी काम ज्वाला और भड़का रही थी, मैं वैसे ही जीभ से उनकी कांख को चाटते हुए उनकी गर्दन से उनकी ब्रा के ऊपर ही बूब्स को चाटने लगा था, उनके उरोज बहुत मुलायम थे।
मैं तो सोच रहा था इनके पति तो रोज-रोज दबा दबा कर ही इतने बड़े किये होंगे।
फिर मैंने भाभी के पीछे से हाथ डालते हुए उनकी ब्रा का हुक खोल दिया तो उनके बूब्स आजाद हो गए।
तब मैं भाभी जी के बूब्स आसानी से दबाने लगा और दबाते दबाते एक-एक को मुंह में ले ले कर चूसने भी लगा था।
भाभी जी मेरे सीने से हाथ फेरते हुए नीचे तक आई और मेरे लंड को लोअर के ऊपर ऊपर से सहलाने लगी थी यह मेरी पहली ही बार था तो मुझे थोड़ा समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे करना है।
लेकिन भाभी पूरी पक्की खिलाड़ी थी उनको तो करना आता था।
फिर भाभी जी ने मेरे लोअर उतार दिया और मैं बस अंडरवीयर में भाभी के सामने हो गया और भाभी मेरे सामने बस चड्डी में रह गई थी।
भाभी की चड्डी के ऊपर से ही मैंने चूत को सहलाना चालू कर दिया चड्डी के ऊपर से ही समझ गया था मैं कि भाभी की चूत पर बहुत घने बाल थे।
फिर भाभी ने मेरे चड्डी के अंदर हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़ लिया और जैसे उन्होंने लंड को छुआ, मेरे पूरे शरीर में एक करंट जोर से दौड़ गया।
फिर भाभी जी ने मेरी चड्डी निकाल दी और मेरे लंड को जोर जोर से हिलाने लगी, वे मुझसे बोली- तुम भी नीचे होकर मेरी मुनिया को आजाद कर दो।
सुनते ही मैंने भाभी जी की चड्डी जोर फटाक से निकाल दी और भाभी जी की नंगी चूत मेरे सामने आ गई।
भाभी की चुटू भी भाभी जैसी गोरी थी लेकिन झांटों से भरी हुई थी।
मैंने जिंदगी में पहली बार चूत देखी थी तो उसकी सुगंध से मैं तो पागल सा हो रहा था, पूरा मदहोश हो जा रहा था उनकी चूत को सूँघकर!
भाभी जी नीचे और मैं ऊपर!
तभी भाभी बोली- अब डाल दे अंदर! रहा नहीं जा रहा … बहुत दिनों से प्यासी हूं मैं! मेरे पति तो सेक्स कर नहीं पा रहे हैं. उनके पैर में चोट है तो प्यार से अब तुम डाल दो अंदर!
मैंने भी भाभी की बात सुनते हुए उनकी चूत के ऊपर लंड रख दिया।
भाभी ने कहा- धक्का मार!
मैंने आगे को धक्का मारा तो भाभी की चूत ढीली होने के कारण एक ही झटके में मेरा लंड पूरा अंदर चला गया।
और मेरा पहली बार ही था कि मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करूं तो भाभी ने मुझे बोला- कमर आगे पीछे करो!
मैं वैसे ही करने लगा।
पहली बार होने के कारण में एक ही मिनट में झड़ने लगा था.
मैंने भाभी को बतया और पूछा- मैं कहां निकालूं?
भाभी बोली- मेरा ऑपरेशन हुआ है, तू अंदर ही छोड़ दे!
एक ही मिनट में पूरा मेरा पानी निकल गया और भाभी जी की चूत के अंदर ही डिस्चार्ज हो गया।
तभी भाभी जी उठी और बोली- मुझे पूरा आनंद नहीं मिला है, तू तो हो गया, मुझे भी गीली कर दे अब!
वे बोली- मेरी अब चाट ले!
मैं बोला- ठीक है!
और मैं भाभी जी की चूत के ऊपर की झांट के बाल हटाकर जोर-जोर से चाटने लगा जैसे कोई बच्चा आइसक्रीम चाट रहा हो, भाभी मस्त हो गई।
10 मिनट तक मैंने भाभी जी के अंदर बाहर से पूरी उंगली डालकर पूरी भाभी जी को चौड़ी कर दी और भाभी झड़ने को होने लगी, उनकी बॉडी अकड़ने लगी और भाभी जी बोली- मैं अब होने वाली हूँ।
मैं बोला- ठीक है भाभी, आप पानी छोड़ दो, मैं उसको चाट लूंगा और वैसे ही भाभी जैसे ही झड़ी, मैं पूरी चूत चाट के सारा रस पी गया।
भाभी बोली- बहुत दिनों के बाद आज गीली होने का आनंद मिला है. थैंक यू सो मच!
ऐसे हमने एक दूसरे को संतुष्ट कर दिया।
इसके बाद भी हमने बहुत बार सेक्स किया, मैंने पूर जोश के साथ हॉटसेक्स विद सेक्सी भाबी का मजा का मजा लिया।
और उसके बाद भाभी ने नया घर ले लिया, वे दूसरी जगह पर रहने के लिए चली गई, फिर मैं वहां पर भी जाकर उसको अकसर चोदता रहा।
एक बार मैंने उनकी गांड मारने की ख्वाहिश जताई तो उन्होंने पहली बार ना कहा, लेकिन फिर मैंने भाभी की गांड मार ही ली।
उसकी कहानी मैं आपको अगली बार बताऊंगा।
तब तक के लिए शुक्रिया।