सुन्दर नौकरानी की चुदाई

हाय दोस्तो, मेरा नाम हैरी है, और मैं चंडीगढ़ में नौकरी करता हूं। वैसे मैं दिल्ली का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 30 साल है. हाइट मेरी 5’6″ है. मेरे घर में मेरी पत्नी, माँ और एक बेटा रहता है। मेरी शादी 25 साल में हो गई थी।

मैं एक लड़की से बहुत प्यार करता था, जिसका नाम ज्योति था। उसको मैं बहुत प्यार करता था। उसके साथ घूमना, सेक्स करना ये सब होता था। जिंदगी इतनी अच्छी चल रही थी कि ऐसा लगता है कि सब कुछ मिल गया, और मैं बहुत खुश भी था। उधर माँ मेरे लिए रिश्ता देख रही थी। एक दिन माँ ने मेरे साथ बात की और कहा की- माँ: हैरी तेरा रिश्ता मैं पक्का कर आयी हूँ। मैने बात सुनी और चुप सा हो गया।

फिर हिम्मत करके मैंने मां से बात बोली कि मैं किसी और से प्यार करता था। वो सुन कर गुस्से में बोली कि तेरा रिश्ता मेरी मर्जी से होगा। मुझे बहुत गुस्सा आया. मैंने बहुत समझा पर माँ ने एक ना सुनी। उधर ये सब मैंने ज्योति को बता दिया।

फिर काफ़ी कोशिश के बाद भी मेरी शादी, मेरी माँ की मर्जी से हुई। मेरी पत्नी का नाम सुमन था. वो देखने में कम सुंदर थी. सुहागरात वाले दिन भी हम दोनों एक-दूसरे से बातें करते रहें।

उसने मुझसे कहा: आज रात प्यार नहीं करोगे?

मैने कहा: करुंगा.

पर मेरा दिल सिर्फ ज्योति की तरफ था। रात काफी हो गई थी, और अचानक उसने मेरा लंड पकड़ लिया। मेरा लंड उसके हाथ रखने पर खड़ा हो गया। फ़िर क्या, मैं ज्योति की भावना लेकर सुमन के ऊपर आ गया। मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा, और उसके दोनों हाथों को पकड़ा। फिर मैंने उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया।

उसके बाद मैंने उसकी गर्दन पर चुंबन किया। उसको काफी मजा आ रहा था. मैंने उसके स्तन स्पर्श किए, और उनको दबाया। धीरे-धीरे मैंने उसको नंगा कर दिया। उसकी पैंटी उतार कर मैंने उसकी फिंगरिंग शुरू कर दी। फिर मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए, और उसके ऊपर आ गया।

अब मैंने अपना लंड रगड़ते हुए उसकी चूत के अंदर डाला।

मज़ा इतना आ रहा था कि सेक्स करते-करते मेरे मुँह से ज्योति का नाम निकल गया। सुमन ने उससे वक्त पूछा कौन है ये ज्योति? मैं डर सा गया. फिर मैंने बताया कि वो मेरा पेला प्यार थी, और मेरी शादी ज्योति से मेरी मां के कारण नहीं हुई।

सुमन से कहा कि मैं ज्योति को भूल जाऊंगा, बस थोड़ा वक्त लगेगा। लेकिन सुमन का मुँह उतर सा गया था। हमारी सेक्स लाइफ बस ऐसा ही चलने लगी। कभी सेक्स हो जाता, और कभी वो बात भी नहीं करती। ऐसे ही 5 साल कब बीत गए पता ही चला। अब मेरा एक बेटा भी था.

बेटा होने के बाद सेक्स लाइफ तो जैसे खत्म हो गई। एक दिन मुझे ऑफिस से मैसेज आया कि मेरा ट्रांसफर चंडीगढ़ हो गया था। मुझे जल्दी वहां शिफ्ट होना था। जब मैंने सुमन को बताया तो उसको कोई फ़र्क नहीं पड़ा।

मैं भी जल्दी ही चंडीगढ़ को निकल गया। वाहा मुझे कंपनी की तरफ से पीजी मिला। मैंने सोचा कि सुमन को कॉल कर के यहीं बुला लेता हूं। पर मेरी हिम्मत नहीं हुई. मैं पीजी में अकेला था. सारा काम मुझे करना पड़ता था। तो मैंने सोचा एक कामवाली रख लू।

मैंने अपने दोस्त को बोला कि एक कामवाली चाहिए। उसने मुझे एक कामवाली का नंबर दिया और मैंने बात की और शाम तक वो आ गई। कामवाली तो बहुत सेक्सी थी. मैंने उसको अगले दिन आने के लिए बोल दिया।

उसने अपना काम शुरू कर दिया। कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा. वो आती है, और अपना काम करके चली जाती है। ऐसा ही एक दिन मैंने उसको पूछा- मैं: तुम बहुत सुंदर हो, तो ये वाला काम क्यों करती हो?

कामवाली: मेरे घर वालो ने मुझे पढने नहीं दिया। और मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। घर पर और कोई काम नहीं करता। मेरी माँ और बाबा का सारा ध्यान मैं ही रखती हूँ। मेरा कोई भाई नहीं है, और मैं शादी नहीं कर सकती।

कामवाली की बातें सुन कर मुझे तरस आने लगा। हम दोनो रोज़ बातें करने लगे। वो एक दिन मेरे पास आ कर बोली- कामवाली: बाबू जी आप बहुत अच्छे हो।

जीवन ऐसे ही चल रही थी. सुमन ने कॉल करके मेरा हाल-चाल भी नहीं पूछा। मैंने सोचा कि अगर उसको मेरी नहीं पड़ी, तो फिर क्यों ना मैं अपनी जिंदगी भूल से जियू। एक दिन कामवाली रसोई में मेरे लिए खाना बन रही थी। उस दिन उसने लाल साड़ी डाली थी। देखने में वो बहुत सेक्सी लग रही थी।

मैं उसके पास गया और पूछूंगा: आज कुछ खास है, जो तुम बहुत सुंदर लग रही हो?

उसने कहा: नहीं बाबू जी, ऐसा तो कुछ नहीं है। सुंदर तो हूं मैं, पर प्यार करने वाला कोई नहीं है।

मैने कहा: कभी किसी से प्यार नहीं हुआ?

कामवाली उदास हो कर बोली: हुआ था, पर मेरे घर के हालात देख कर वो मुझे छोड़ गया।

मैंने पूछा: क्या तुम मेरे साथ घूमने चलोगी?

उसने मुस्कुरा दी और हा कर दी। अगले दिन मुझे नौकरी से छूटी थी। मैंने उसको कहा कि अच्छे से तैयार हो कर आना। जब मैंने उसको देखा तो वो जींस-टॉप डाल कर आई थी। देखने में वो एक मॉडल लग रही थी। उसको देख कर कोई नहीं बोल सकता था कि ये लड़की घर में काम करती थी।

तो हम कार में बैठ गए. कार में गाने चल रहे थे, और वो साथ-साथ गुनगुना रही थी, जैसे वो बहुत खुश हो। अचानक उसने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया और बोली- कामवाली: बाबू जी आप बहुत अच्छे हो। किसी ने नहीं सोचा कि मैं काम के अलावा अपनी जिंदगी में क्या चाहती हूं। आज आप मुझे बाहर लेकर आये हैं।

मुझे उसकी बातें बहुत अच्छी लगीं।

मैंने उसको बोला: क्या तुम मेरे साथ रूम में चलोगी?

वो शर्मा गई, और मैं समझ गया कि वो मेरे साथ जाने के लिए तैयार थी। मैंने उसको चंडीगढ़ में बहुत घुमाया और रात होने पर हम दोनो रूम में वापस आ गए। हम दोनो बहुत थक गये थे। कामवाली मेरे लिए गिलास में दूध ले आई।

वो बोली: बाबू जी, आप काफी थक गए हो।

फ़िर वो मेरे पास बैठी. उसके स्तन ऊपर से नज़र आ रहे थे। देखने में वो बहुत सेक्सी लग रही थी। मैं उसके पास गया, और उसको पीछे से गले लगाया। वो शर्मा गई. फिर मैंने उसको गोद में ले लिया। मुझे मस्त सी फीलिंग आ रही थी। मैंने उसको चूमा और बिस्तर पर रख दिया।

उसकी मैंने जींस उतारी, ऊपर से टॉप उतारा, फिर मैंने उसकी ब्रा उतारी। उसके स्तन बहुत मस्त थे और उसके निपल्स गुलाबी थे। मैंने अपने दोनो हाथो से बूब प्रेस किये। उसको बहुत मजा आ रहा था. फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी पैंटी उतार दी। उसकी ब्रा और पैंटी दोनों लाल रंग की हैं।

प्यार करने में और मजा आ रहा था क्योंकि वो गोरी बहुत थी और ये कलर हमें पर बहुत जच रहा था।

उसने कहा: बाबू जी, आप भी अपने कपड़े उतार दो।

मैंने कहा: तुम खुद उतार दो।

फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिये। अब हम डोनो न्यूड हो गए. मैंने उसकी फुद्दी को चूसा, और लंड उसको अंदर डाल दिया। मैं तो पूरा रिलैक्स हो गया. हमारे बीच और क्या-क्या हुआ, ये जाने के लिए मैसेज जरूर करें, और कहानी अच्छी लगी हो तो फीडबैक जरूर दे।

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