Baap Beti Sex Story : दोस्तों, आज मैं आपको अपनी सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूँ। कभी सोची भी नहीं थी की पापा मेरे साथ सेक्स करेंगे। पर दोस्तों ये सच हो गया और मैं चुद गई अपने पापा से, आपको पूरी कहानी सुनाने जा रही हूँ।
मेरा नाम सुरभि है। मैं अठारह साल की हूँ, सुन्दर हूँ हॉट हूँ। सब लोग मुझे घूरते हैं, सब लोग मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश करते हैं। पर मैं कभी भी किसी के तरफ आकर्षित नहीं हुई। क्यों की मुझे पता है मैं वो गुलाब हूँ जिसकी पंखुड़ियां बहुत नाजुक है।
गोरी हूँ। हॉट हूँ लम्बे बाल है गोल गोल गांड है। ना बहुत बड़ी ना बहुत छोटी मेरी चूचियां है। मस्त माल हूँ मैं इसलिए मैं अपने पति के लिए बचा कर रखना चाहती थी। पर ये सच नहीं हो सका और मैं चुद गई उस पाक रिश्ते से जो कभी भी सेक्स जायज नहीं है।
पर दोस्तों जो हो गया सो हो गया। अब मैं सीधे कहानी पर आती हूँ।
मेरे पहले पापा की डेथ हो गई है, मैं मम्मी की एकलौती संतान हूँ। नॉएडा में रहती हूँ। मेरे पहले पापा बहुत ही अच्छे थे वो हम दोनों को यानी मम्मी को भी बहुत प्यार करते थे। मम्मी ने जो दूसरी शादी की है वो मम्मी से 12 साल छोटा है और मेरे से मात्र दस साल बड़ा। यानी हम दोनों के बिच में है। ना वो मम्मी के पति लगते हैं ना मेरे पिता जैसे।
शायद मम्मी को अपनी वासना की आग बुझानी थी इसलिए उन्होंने शादी की नहीं तो अपने से इतने कम उम्र के लड़के से शादी कोई नहीं करता। पर वो लड़का भी इसलिए शादी किया क्यों की नोएडा में चार फ्लैट है और फैक्ट्री भी है। मेरे मम्मी का घर कोलकाता है।
बात कल की है। मैं एक दिन पहले ही मम्मी से बात कर रही थी की पापा पहले वाले कितने प्यार करते थे वो मुझे गोद में भी बैठाते थे पर नए पापा तो मुझे कभी भी प्यार नहीं करते हैं। ये बात मम्मी बोल दी उनको। तो वो तभी मुझे पकड़ के प्यार करने लगे और सर पर हाथ फेरते हुए बोले। बेटी मैं भी तुमको उतना ही प्यार करता हूँ। और मुझे जैसे जैसे पता चलेगा की तुम्हे कितना प्यार की जरुरत है उससे मैं काफी ज्यादा प्यार करूंगा मुझे भी समझने का मौक़ा दो। अभी तो शादी के दो महीने ही हुए है।
और उन्होंने मुझे गोद में बैठा लिया। मैं भी बैठ गई। पर मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था। क्यों की उनका प्राइवेट पार्ट खड़ा हो रहा था जो मेरी गांड को छू रहा था। तभी मम्मी नहाने चली गई। क्यों की जिस दिन तभी ट्रैन खुली है उसी दिन वो कोलकाता के लिए निकलने वाली थी और स्टेशन बहुत पहले पहुंचना था कोरोना की वजह से तो वो नहाने चली गई। वो अकेले ही कोलकाता जाएगी मैं और पापा दोनों नॉएडा में ही रहेंगे। उनका जाना इसलिए जरुरी है क्यों की नानी का तबियत ख़राब है और मेरे को मामा भी नहीं है।
गोद में मुझे अच्छा लगने लगा था क्यों की पहली बार लंड मेरे जिस्म को छू रहा था। एक अलग एहसास था। तो मैं भी रुक कर थोड़ा मजे लेने लगी। वो थोड़ा फ़ैल कर बैठ गए। ताकि मैं मजे ले सकूँ और वो भी अपनी कामना पूर्ण कर सके। दोस्तों करीब दस मिनट तक वैसे ही बैठी रही तब तक उनका लौड़ा काफी मोटा और खड़ा हो गया।
तभी वो बोले उतर जाओ अब मम्मी नहा के आने वाली है। मैं हट गई। पर मेरा मन डोल गया और उनका भी मन डोल गया वो मुझे कामुक नजर से निहारने लगे। तभी मम्मी आ गई। और बोली सुरभि सही से रहना मैं एक सप्ताह में ही आ जाउंगी। रहोगी ना ठीक से ? मैं बोली हां हां कोई बात नहीं कोई दिक्कत नहीं होगी। तभी पापा भी कहने लगे चिंता नहीं करो यहाँ खुश रहेगी और मेरे तरफ देखने लगे।
मम्मी तैयार हो गई। पापा मम्मी को छोड़ने चले गए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन। तब तक मैं घर पर ही थी। मैं नही अपने चूत की बाल को साफ़ की क्लीन हो गई क्यों की मुझे भी पता था आज क्या होना है। मैं तैयार रही एक सेक्सी ब्रा और पेंटी मेरी दोस्त मेरे जन्मदिन पर गिफ्ट दी थी वही पहन ली। ताकि सेक्सी दिख सकूँ। बाल में सेम्पु की अच्छे से तैयार हो गई काजल लगा के।
दो घंटे में ही मेरे पापा वापस आ गए और मैं तब तक नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सेक्स कहानियां पढ़ रही थी बाप बेटी की चुदाई कई कहानियां मिली जिसमे बात बेटी की सेक्स के बारे में थी। तो डर भी ख़तम हो गया। अब मैं पूरी तरह से रेडी थी अगर पापा ने मुझे जरा भी हिंट दिया तो मैं ही आज अपनी सील चूत की तुड़वा ही लुंगी।
वही हुआ जैसा की मैं सोच रही थी। आते ही वो मुझे देखने लगे और गले लगाने के लिए हाथ आगे कर दिए। मैं भी उनके बाहों में समा गई। और वो मुझे चूमने लगे। उठाकर मुझे बैडरूम में ले गए और मेरे होठ को चूसने लगे। मेरी बूब को दबाने लगे। मेरे बदन को सहलाने लगे। मैं मदमस्त हो गई थी। उन्होंने अपना टीशर्ट उतार दिया और मुझे भी बैठा कर ऊपर के कपडे उतार दिए।
मेरी रेड सेक्सी ब्रा को देखकर बोले वाओ क्या मस्त है। और ऊपर से ही पहले चूमने लगे फिर मेरी जीन्स भी उतार दी वही बात मेरी पेंटी को देखकर भी बोलने लगे। मैं कामुक हो चुकी ही बहुत सेक्सी हो गई थी। अब मुझे मौक़ा मिल गया उनको चूमने का मैं उनके होठ को अपनी मुँह में ले ली और चूसने लगी अपनी जीभ उनके मुँह के अंदर देने लगी वो कामुक हो गए।
उन्होंने मेरी बार और पेंटी उतार दी। अभी तुरंत ही मैंने बाल साफ़ किये थे। वो देखकर बोले गजब मुझे ऐसा ही चूत पसंद है तुम्हारी मम्मी कभी भी बाल साफ़ नहीं करती है। मैं मुस्कुराने लगी। वो मेरी चूत तो चाटने लगे। मेरी बूब्स को पीने लगे ऊँगली से निप्पल दबाने लगे। मैं आह आह आह आह करने लगी। मेरी चूत गीली हो गई थी।
मैं खुद भी अपनी बूब्स को सहला रही थी। मुझे उनका लंड चूसना था तो मैं इशारा की वो अपना लंड मेरी मुँह में दे दिए मैं आइसक्रीम की तरह चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रही था। पुरे बदन में गुदगुदी हो रही थी। अब मैं लेट गई और वो मेरी चूत पर लौड़ा लगा कर थोड़ा थूक लगाया चूत पर और घुसाने लगी। पर मुझे बहुत दर्द हो रहा था। मैं बार बार अलग हो जाती तो वो कहते कुछ नहीं होगा। शुरू में थोड़ा दर्द होगा फिर बहुत मजा आएगी।
पर दोस्तों जब वो लौड़ा सटाते मुझे दर्द होता था और जैसे वो अलग करते मुझे चुदने का मन करता था। मैं भी सोची जो होगा देखा जायेगा इस बार तो अंदर ले के ही रहूंगी। उन्होंने अपने लौड़े को मेरी चूत पर लगाया थूक लगा कर और जोर से पेल दिया। मैं कराह उठी अअअअअअअ ओह्ह्ह्हह उफ्फ्फफ्फ्फ़ अऔच। मेरी चुत से खून निकलने लगा था। मेरे आँख में आंसू आ गए थे वो थोड़ा रुक गए।
अब दर्द कम हो रहा था वो हौले हौले से अंदर बाहर करने लगे। धीरे धीरे दर्द कम हो गया। और अब मैं जोर जोर से उनका लौड़ा अंदर तक लेने लगी। अब वो जोर जोर से मुझे चोद रहे थे। कह रहे थे मैं तो तुम्हे देखकर ही शादी किया हूँ तेरी मम्मी से। तेरी मम्मी तो बूढी है। चोदने में मजा नहीं देती है। अब तो अस्सल में तुम मेरी बीवी हो। और वो जोर जोर से पेलने लगे मैं भी आह आह आह करने लगी।
दोस्तों करीब दो घंटे तक मुझे अलग अलग तरीके से उन्होंने चोदा। वो मुझे गांड भी देने को कह रहे थे पर मैं नहीं दी। मुझे तो चूत ही अच्छा लग रहा था। पर शाम होते होते मेरी चूत में सूजन आ गया था। रात में चुदवा नहीं पाई। बस नंगे ही हम दोनों सोये उन्होंने मेरी बूब्स सहलाया और मैंने उनके लौंडे को चूसी और उनका वीर्य भी मुँह में ली। पर आज मैं दो बार चुद चुकी हूँ।