नमस्कार दोस्तो, मैं आपका दोस्त राज … मेरा असली नाम राज नहीं है … यह तो बस एक राज है। लेकिन दोस्तो, मेरी ग्रैंडमदर सेक्स की कहानी बिल्कुल सच्ची है, इसमें कोई राज नहीं है।
बात उस समय की है … जब मैं गांव में रहता था। तब मेरी उम्र 19 साल थी उस समय मैं इण्टरमीडिएट की पढ़ाई कर रहा था। मेरा रंग सांवला है … लम्बाई 6 फुट है।
यह घटना मेरी दादी के साथ घटी … वो कैसे … मैं अभी बता रहा हूँ, एक झलक मेरी दादी की भी देख लीजियेगा।
मेरी दादी बिल्कुल गोरी हैं … उनकी लम्बाई 5.5 फुट है … उम्र 58 साल लेकिन लगती 48 साल की हैं। उनका शरीर बहुत ही धांसू है और सबसे धांसू तो उनके उठे हुए चूतड़ और उन चूतड़ों में मटकती गाण्ड है।
आप कहेंगे कि कहानी में सब ऐसे ही लिखते हैं लेकिन विश्वास कीजिए … अगर आप भी मेरी दादी को देखेंगे तो दो-चार बार मुठ तो जरूर मारेंगे।
चलिए हम अपनी असली कहानी पर चलते हैं।
एक दिन की बात है … जाड़े का मौसम था और मुझे दोपहर को टट्टी लग आई।
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मेरे घर के सामने थोड़ी दूर पर ईख का खेत था। मैं डिब्बा में पानी लेकर ईख के खेत में टट्टी करने घुस गया.
और जैसे ही ईख के खेत में घुसा … तो मैंने जो देखा उससे मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं।
मैंने देखा कि मेरी दादी एक मोटे डंडे में कुछ कपड़े लपेट कर उसके ऊपर एक पोलिथिन की पन्नी लगा कर एक मोटा लण्ड जैसा बना कर उससे अपनी चूत को चोद रही थीं।
दादी पूरे जोश में थीं … जिससे वो केवल अपनी चूत को चोदे जा रही थीं।
करीब 5 मिनट बाद दादी की नजर मेरे ऊपर पड़ी … तो उन्होंने झट से अपनी खुली हुई चूत और गाण्ड को ढक लिया और मुझे डांटकर बोलीं- तू यहाँ क्या कर रहा है?
मैं डर गया और बोला- दादी, मैं तो टट्टी करने आया था।
वो डांटकर बोलीं- ठीक है … उधर जाकर कर ले।
मैं खड़ा रहा तो बोलीं- जा ना!
तो मैंने बोला- दादी … जो अभी मैंने देखा है … उसको सही से करवा लो … मैं किसी से नहीं बताऊँगा.
मेरा लण्ड पूरा खड़ा था … मैं अपने लण्ड को हाथ में लेकर मसलने लगा, जिसे देख कर दादी का भी जोश भड़क उठा।
तब दादी मुझे डांट कर बोलीं- किसी को इसका पता नहीं चलना चाहिए।
मैं बोला- नहीं, किसी को नहीं पता चलेगा।
इतना बोलते हुए मैं दादी के पास पहुँच गया।
दादी उठकर खड़ी हो गई … मैंने दादी को अपनी बाँहों में पकड़ लिया और उनका चुम्मा लेने लगा।
दादी भी मेरे लण्ड को सहलाने लगीं, मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था, मेरा मन कर रहा था कि दादी ऐसे ही सहलाती रहें।
फिर दादी ने मेरे दोनों हाथों को पकड़ कर एक हाथ अपनी छाती पर रख कर तथा दूसरा हाथ अपनी चूत पर रखवा कर बोलीं- जैसे मैं तेरा सहला रही हूँ … वैसे ही तुम मेरे ‘पुपु’ और चूत को सहलाओ।
मैं तो पहली बार सेक्स करने जा रहा था इसलिए मुझे कुछ ख़ास मालूम नहीं था कि क्या-क्या करते हैं।
दोस्तो, आप कहेंगे कि मैं 19 साल का हो गया हूँ और मुझे पेलना नहीं आता … लेकिन ऐसी ही बात है … मैं तो चूत में लण्ड डालकर बस हिलाना जानता था।
इसलिए दादी को भी यह अहसास हुआ कि मुझे पेलने का तरीका नहीं मालूम है। इसलिए वो मेरा हाथ अपने पुपु और चूत पर रखकर सहलाने के लिए बोलीं।
थोड़ी देर सहलाने और सहलवाने के बाद दादी ने नीचे बैठकर मेरे लण्ड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगीं।
उनके चूसने से मुझे गुदगुदी होने लगी, मैंने दादी से बोला- दादी, मेरे लण्ड में गुदगुदी हो रही है।
तो उन्होंने कुछ जवाब नहीं दिया और मेरा लंड चूसती रहीं।
कुछ ही देर में मेरे लण्ड से गर्म पानी दादी के मुँह में गिर गया, दादी पूरा पानी चाटकर पी गईं।
इसके बाद दादी ने अपना पेटीकोट ऊपर सरकाया और मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत में धकेल कर बोलीं- जैसे मैंने तेरा लण्ड चूसा है … ठीक वैसे ही अब तुम मेरी चूत चूसो।
फिर मैं दादी की चूत में अपनी जीभ डालकर चूसने लगा.
कुछ देर चूसने के बाद दादी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं.
दादी जोर-जोर से कह रही थी- आह … आह … चूस ले … भोसड़ी के … अपनी दादी की चूत का रस चाट ले … आह्ह्ह … अपनी दादी की चूत का घी … पी ले दादीचोद!
और मैं चूसता रहा … कुछ ही देर बाद दादी की चूत से घी के समान कुछ निकला … जिसको मैंने घी समझ कर चाट डाला, उसका स्वाद कुछ नमकीन जैसा था।
यह कहानी आप द इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट इन पर पढ़ रहे हैं!
दादी ने अपना सारा पानी मेरे मुँह में गिरा दिया, वे मेरे शरीर से लिपटी रहीं।
थोड़ी देर बाद दादी मेरा लण्ड फिर से अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.
इस बार झड़ जाने के कारण लण्ड बिल्कुल सिकुड़ा हुआ था। जिससे दादी उसे लालीपॅाप की तरह चूस रही थीं।
पांच मिनट में मेरा लौड़ा फिर से मोटा और लम्बा हो गया।
लौड़े के मोटा होते ही दादी लेट गईं और अपनी दोनों टाँगें ऊपर उठाकर चूत में पेलने को कहने लगीं।
मैंने अपना लण्ड दादी की चूत के ऊपर रखकर एक जोर का झटका मारा और मेरा 7 इन्च लम्बा लण्ड एक ही बार में पूरा दादी की चूत में घुस गया।
दादी के मुँह से निकला- हाय मार डाला रे!
अगले ही पल उन्होंने हल्की मुस्कान दी और कहने लगीं- आह मजा आ गया … जोर से पेल मेरे लाल … फाड़ दे अपनी दादी की चूत को …
यह सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया मैं और जोर-जोर झटके मारने लगा।
मुझे बड़ा मजा आ रहा था।
करीब 10 मिनट के बाद मैं झड़ने ही वाला था … तो मैंने पूछा- दादी, मैं झड़ने वाला हूँ … कहाँ गिराऊँ?
दादी ने कहा- अन्दर ही गिरा दे।
मैंने कहा- दादी, अगर तुन्हें बच्चा हो गया तो?
दादी ने जवाब दिया- अरे पगले मेरी उमर बच्चा देने की नहीं है, मेरी उम्र ज्यादा हो चुकी है।
मैंने कहा- ज्यादा उम्र हो जाने पर बच्चा नहीं होता है?
दादी ने कहा- नहीं …
इतना सुनते ही मैंने एक जोरका झटका मारते हुए दादी की चूत के अन्दर अपना सारा पानी गिरा दिया।
कुछ सेकेण्ड बाद दादी ने मुझे कस कर पकड़ लिया।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
दादी ने कहा- मैं भी झड़ गई हूँ।
हम दोनों एक-दूसरे से 5-6 मिनट तक लिपट कर पड़े रहे।
फिर दादी मेरा लण्ड सहलाने लगीं … सहलाते-सहलाते मेरा लण्ड एक बार फिर से खड़ा हो गया।
मैं दादी को पेलने तैयार हो गया।
दादी ने मुझे रोका और घोड़ी बन गईं, फिर मुझसे पेलने को कहा.
मैं दादी की गाण्ड में पेलने के लिए अपना लण्ड घुसाने लगा … तो दादी ने कहा- गाण्ड में नहीं … चूत में पेलते हैं।
फिर मैं दादी की चूत में अपना लंड पेलने लगा। मेरी दादी अपनी गाण्ड हिला-हिला कर मेरा लौड़ा पिलवा रही थीं।
अचानक मेरा लण्ड दादी की चूत से निकल कर उनकी गाण्ड में जाने लगा।
दादी की गाण्ड काफी टाइट थी … जिससे लण्ड सिर्फ थोड़ा सा अन्दर जा पाया।
मैंने तुरन्त दादी की कमर पकड़ कर एक जोर का झटका मारते हुए अपना आधा लण्ड दादी की गाण्ड में उतार दिया। दादी जोर से कराह उठीं और हमको गाली देने लगीं … और धकेल कर अपने आपको छुड़ाने लगीं।
मैंने दादी को कस कर पकड़ा और एक जोर का झटका दोबारा मारा और मेरा पूरा लण्ड दादी की गाण्ड में घुस गया।
दादी जोर-जोर से कराहने लगीं और निकालने के लिए कहने लगीं।
मैंने दादी की गाण्ड से लण्ड नहीं निकाला और अपने हाथों से दादी की दोनों जाँघों को सहलाने लगा।
थोड़ी देर बाद दादी ने खुद अपनी गाण्ड को हिला-हिला कर पिलवाने लगीं। पूरे 15 मिनट गाण्ड मारने के बाद मैं झड़ गया।
दादी ने तुरन्त पल्टी मारी और मुझे एक किस किया और अपनी बाँहों में भर कर बोलीं- बेटा, ऐसी चुदाई तो आज तक किसी ने नहीं की … तूने मेरी जिन्दगी सुधार दी … आइ लव यू बेटा!
इसके बाद हम दोनों घर चले गए।
अब तो जब दादी को चुदाने को जी करता है तो रात में जब सब सो जाते हैं तब अपने बिस्तर पर मुझे बुला कर चुदा लेती हैं और गाण्ड भी मरवा लेती हैं, कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
मेरी दादी की चूत चौड़ी है … पर मुझे बहुत अच्छी लगती है।
आई लव यू दादी … तेरी गाण्ड को मेरे लौड़े का सलाम!
ग्रैंडमदर सेक्स की मेरी सच्ची कहानी आपको कैसी लगी?