चुदाई की मेरी यह कहानी इस प्रकार है मेरी उम्र 16 – 17 साल के करीब होगी तब मैं सैक्स के बारे में इतना सोचती थी कि सोचते सोचते में इतना गरम होजाती कि मेरी चूत गीली हो जाती थी लेकिन मेरी चूत बिल्कुल कवारी थी अभी तक मैंने उसमें उगंली तक नही डाली थी एक दिन मैंने कुत्ते और कुतिया को सैक्स करते देखा तो मुझसे रहा नहीं गया उस दिन मम्मी मामाजी से मिलने अपने मायके चली गयी थी उन्हें 2 दिन बाद आना था पापा औफिस गये थे वो 5 बजे से पहले आने वाले नहीं थे छोटा भाई स्कूल गया था उसकी 4 बजे छुट्टी होनी थी मैं 12 की क्लास मैं पढती थी
उस दिन में टीचर से बुखार का बहाना बना कर इंटरवल में ही स्कूल से घर आ गयी और हमारा घरेलू कुत्ता जिसे हम घर में ही छोड आते थे वह वहाँ पर मुझे सोता हुआ मिला जिसे हम कालू के नाम से पुकारते थे क्यों कि वह काले रंग का था मैने उसे कालू कहकर पुकारा तो वो अपनी पूँछ हिलाता हुआ आया और मुझसे लिपटने लगा जैसे ही उसने अपने अगले पैर उठाकर मेरी छाती पर रखे मुझे उसका लंड अपनी जगह से ईस तरह से निकला जैसे लिपिस्टिक को घुमाकर निकालते है |
चुदाई का अचानक से खयाल आय और मुझे सुबह देखा कुत्ते कुतिया का सैक्स याद आ गया और मेरे अन्दर सैक्स जागने लगा और मैँ सोचते सोचते गरम होने लगी ज्यादा सोचने पर फिर मुझसे रहा नही गया में अपने कुत्ते को अपने बेडरूम मेँ ले गयी और कुत्ते को बिस्किट खिलाया उसके बाद उसके उपर प्यार से हाथ फिराया कुत्ता चुप बैठ गया
अब मैंने अपनी चुदाई का कार्यक्रम बना लिया और सोचा की अब तो इस कुत्ते से ही चुदाई करवानी है .. मेने धीरे धीरे हाथ फिराते हुए कुत्ते के लंड को सहलाने लग गयी कुत्ता पीठ के तरफ लेट गया और उसने अपने पैर फैला लिये मैने लंड को हिलाया तो उसकी चमडी मैँ से गाजर के जैसा लंड निकलने लगा मेरा मन मचलने लगा मैँने तुरंत अपने सभी कपडे उतार दिये और कुत्ते के पिछले पैरों को मैँने अपने चूतरो के नीचे दाब लिये और उसके अगले पैरों को अपने दोनों टाँगों के बीच होते हुए अपनी कमर के पास रख लिये और एक हाथ से उसके लंड को हिला हिला कर निकालने लगी उसका 2 इंच लम्बा उंगली के जैसा मोटा लंड निकला ही था मैंने उसे अपनी गीली चूत मेँ डालना शुरू कर दिया लंड ज्यादा मोटा नही था|
चुदाई का भुत चढ़ जाने के कारण चूत गीली थी कुत्ते का लंड करीब डेड इंच मेरी चूत मैँ आसानी से चला गया कुत्ता भी सेक्स के लिये गरम हो गया था इस लिये उसने भी अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी अब कुत्ता भी चुदाई में मेरा साथ दे रहा था| मैने उसके पिछले पैरो को अपने चूतरों के नीचे से निकाल दिया उसके बाद कुत्ते ने जोर जोर से अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया तो मुझे अपनी चूत मैँ लंड को और अन्दर धंसते हुये महसूस हो रहा था और हल्का सा दर्द भी हो रहा था लेकिन उससे कहीँ ज्यादा मुझे आनन्द आ रहा था
मेरी चूत से खून भी बह रहा था और मेरे मुँह सी आह सी आह की आवाज निकल रही थी करीब आधा मिनट बाद उस कुत्ते का लंड मेरी पूरी चूत मैं समां गया उसके बाद मेरी आफत आना शुरु हुई क्यों कि उसका लंड मेरी चूत मैँ फूलने लगा और मेरे दर्द होने लगा मैं कुछ सोच पाती कि कुछ पल मैं ही उसका लंड पूरी तरहसे फूल गया मेरी चूत मानो फटने वाली हो
चुदाई ऐसे चल रही थी मनो कामसूत्र चल रहा हो.. अब कुत्ते का लंड भी निकलने वाला नहीं था क्यों कि लंड का आकार चुदाई के दोरान चूत के अनदर मोटा और बाहर से पतला था कुत्ते ने कमर हिलाना बंद कर दिया था और अपने अगले पैर घुमाकर आगे कर लिये और कुतिया की तरह मुझसे खिचने लगा थोडे दर्द के बाद मुझे आनन्द आने लगा कयोँ कि मेरी चुदाई एक कुत्ता कर रहा था और चूत में एक कुत्ते का मोटा लण्ड फसा हुआ पडा था 2 मिनट बाद में झड गयी कुछ सैँकेंड के बाद कुत्ता भी झड गया और उसका मोटा लंड पतला होने लगा पतला होते ही लंड मेरी चूत से निकल गया।
इस तरह से मेरी पहली चुदाई कुत्ते के लंड से हुई थी ईसके बाद तो जब मोका मिलता तो कुत्ते के लंड से चुदाई कराती थी एक मौका लडके से चुदाई कराने का भी आया था पर मुझे उस लड़के से चुदवाने में बिल्कुल मजा नहीं आया क्यों कि मुझे कुत्ते के मोटे लंड से चुदाई की जो आदत पड गयी थी।