मेरा नाम मधु है उम्र चालीस साल कद लम्बा और दो बच्चों की मां होने के बाबजूद अभी भी मैं बहुत ही सैक्सी दिखती हूं।मेरे दोनों बच्चे स्कूल जाते हैं और पति राजेश एक बिजनेसमैन हैं जो कभी कभी बिजनेस के सिलसिले में बाहर चले जाते हैं पर जब भी घर आते हैं तो मुझे तरह तरह से सैक्स का मजा देते हैं।
मेरे अकेलेपन को दूर करने और घर की रखवाली के लिए हम ने एक कुत्ता पाल रखा है जिसका नाम कालू है। कालू की साईट कम है पर लम्बाई काफी है और उसका शरीर भी भारी है। कालू का रंग बिल्कुल काला है और बह बहुत ही सुन्दर और समझदार कुत्ता है। एक बार मैं और मेरे पति चुदाई कर रहे थे और कालू भी हमारे कमरे में था और हमारी चुदाई देख रहा था.
तो जब चुदाई करते करते मैं और मेरे पति झड़ गये और हम अभी नंगें ही बैठ पर पड़े थे तो कालू बैड के पास आकर अपना मुंह खड़ा करके कुछ सूंघने लगा तो मेरे पति राजेश ने जिनका लंड अभी वीर्य और मेरे चूत रस से लिबड़ा हुए उस की तरफ़ करवट बदली तो कालू सूंघता हुआ राजेश के लंड तक पहुंच गया और उसने पहले राजेश के लंड को सूंघा और फिर उसे चाटने लगा।
राजेश ने भी उससे अपना लंड बड़े प्यार से चटवा लिया। लंड चटवाते हुए राजेश का लंड फिर खड़ा हो गया और राजेश मुझ से कहने लगे कि तुम भी अपनी चूत कालू के मुंह के पास कर दो शायद इसे भी चाटकर साफ़ कर दे और पोंछने का झंझट ही खत्म हो जाए तो मैं भी अपनी टांगें फैला कर अपनी बालों वाली चूत कालू के मुंह के पास करके बैड पर लेट गई।
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फिर कालू ने मेरी चूत को भी सूंघा और फिर जब वह मेरी चूत को चाटने लगा तो मुझे उसकी खुरदरी जीभ से गुदगुदी होने लगी पर मैं अपनी हाथों को भींच कर उस से अपनी चूत चटवाने लगी। पहले तो कालू ने मेरी चूत के आसपास लगा हुआ माल चाटा फिर बह मेरी चूत के सुराख को बड़े प्यार से चाटने लगा और अपनी जीभ को अंदर तक ले जाने लगा।
जिस से मुझे बहुत मजा आने लगा और मैं अपनी टांगें और फ़ैला कर अपनी चूत चटवाने लगी। जब उसकी जीभ मेरे भग्नासा को लगने लगी तो मैं दोबारा से गर्म होने लगी और मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी। और जब मैंने राजेश की तरफ देखा तो राजेश अपना तना हुआ लंड हाथ में पकड़ कर मुझे देख कर खुश हो रहा था।
मैं पूरे जोश में आ चुकी थी और मैं झट से पेट के बल हो गई और राजेश के लंड को पकड़ लिया और सिसकारियां भरते हुए लंड को पकड़ कर हाथ को जोर जोर से आगे पीछे करने लगी पर कालू मेरी चूत और गांड़ को चाटता रहा। अब मैंने राजेश से कहा कि कालू ने मेरी चूत में आग सी लगा दी है तुम जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डालो नहीं तो मैं मर जाऊंगी।
यह सुनकर राजेश हंसने लगा और बोला कि अब हम कालू के सामने फर्श पर चुदाई करेंगे और र देखेंगे कि कालू का क्या रियेक्सन होता है। राजेश ने जल्दी से गद्दा खींच कर फर्श पर बिछा दिया और जैसे ही मैं अपनी टांगें फैला कर पीठ के बल फर्श पर अपनी चूत मरवाने के लिए लेटी तो कालू फिर आकर मेरी चूत में जीभ घुसेड़ कर चाटने लगा.
जिससे मैं और ज्यादा गर्म हो कर तड़पने लगी इतने में राजेश ने अपना लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया । मैं अपने हाथ से राजेश के लंड की और मालिश की जिस से बह लोहे की तरह सख्त हो गया तो मैंने कहा कि अब देर मत करो कालू को मेरी चूत से हटाओ और आज अपने लंड से मेरी चूत फ़ाड़ डालो।
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यह सुनकर राजेश ने कालू को हटने को कहा तो कालू हटकर खड़ा हो गया और राजेश ने मेरी टांगों के बीच बैठ कर एक ही झटके में अपना नो इंच लम्बा और मोटा लंड मेरी चूत में डाल दिया और झटके मारने लगा। मैं भी नीचे से गांड उठा उठा कर मरवाने लगी आज मुझे बहुत ही मजा आ रहा था.
फिर मैंने राजेश को जोर से पकड़ कर अपनी और खींचा तो उसका लंड मेरी बच्चेदानी तक पहुंच गया और मैं झड़ गई और ढीली पड़ने लगी। जब मेरी चूत से पानी निकल गया और मैं निढाल हो कर पड़ गई तो राजेश ने अपना लंड मेरी चूत में ही घुसाए रखा और धक्के लगाने बन्द कर दिए। थोड़ी देर बाद राजेश ने मुझे खड़ा किया और बैड पर झुकने को कहा।
और जब मैं खड़ी हो कर बैड पकड़ कर पूरी झुकी तो राजेश ने मेरी टांगों चौड़ी कर के अपना तना हुआ लंड पीछे से मेरी चूत में घुसेड़ दिया और मेरी कमर पकड़ कर धक्के लगाने लगा इतने में कालू हम दोनों की टांगों के बीच अपना मुंह घुसा कर मेरी चूत और राजेश के लंड को दोबारा चाटने लगा जिससे मैं फिर से उत्तेजित हो गई और कमर हिला हिला कर चुदवाने लगी हम दोनों को बहुत ही मजा आ रहा था।
फिर थोड़ी देर जबरदस्त चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। कालू राजेश के लंड और र मेरी चूत को चाट चाट कर अच्छी तरह साफ कर दिया। जिस से हम दोनों बहुत खुश हुए।और कालू को बहुत प्यार किया और फिर दोनों कपड़े पहन कर सो गए।आज हमें जितना मज़ा आया बह हमें पहले कभी भी नहीं आया था।
अब जब भी हम घर पर अकेले होते तो फर्श पर ही गद्दा लगा कर इसी तरह चुदाई करते और कालू हमारा पूरा साथ देता। पिछले सर्दियों की बात है बच्चों को छुट्टियां थीं और बह ननिहाल गये हुए थे । मैं और मेरे पति घर पर थे।रात को हम ने खाने में चिकन पकाया और राजेश ने उस रात दो तीन पैग भी लगा लिये और एक पटियाला पैग मुझे भी लगवा दिया।
फिर हम ने चिकन खाता और कालू को भी खूब खिलाया क्योंकि थोड़ी सर्दी भी थी। फिर हम सोने कि तैयारी करने लगे। हम ने कालू को अपने कमरे में बुला लिया और कमरा बंद कर के फर्श पर ही गद्दा बिछा दिया।और फिर फर्श पर ही सोने का प्लान बना लिया। कमरे में रूम हीटर लगा हुआ था इसीलिए कमरा काफी गर्म था।
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थोड़ी देर कम्बल ओढ़ कर लेटने के बाद हम चुदाई की तैयारी करने लगे मैंने सिर्फ पैंटी और राजेश की शर्ट पहनी हुई थी और राजेश ने बनियान और अंडरवियर। हम एक दूसरे को बांहों में लेकर चूम रहे थे। तभी राजेश का लंड खड़ा हो गया तो उसने अपना अंडरवियर उतार दिया और मेरी पैंटी भी उतार दी और मेरी मोटी गान्ड पर हाथ फेरने लगा।
आज उसका लंड पूरा खड़ा नहीं हो रहा था तो राजेश ने पहले थोड़ी देर मेरे मोटे मोटे मम्मों को चूसा फिर मेरी चूत को चाटना फिर आपने सिर के नीचे दो तकिए रख कर पीठ के बल लेट गया और दोनों टांगें फैला दी और मुझे लौड़ा चूसने को कहा। मैं भी घुटनों के बल हो कर उस की टांगों के बीच जा बैठी और झुक कर उस के लंड से खेलने लगी।
जब लंड थोड़ा खड़ा हुआ तो मैंने उसे मुंह में ले लिया और चूसने लगी। तभी कालू उठा और मेरे पीछे आ कर मेरी गान्ड के नीचे अपना मुंह घुसाने लगा तो मैंने राजेश से कहा कि कालू मेरी चूत चाटना चाहता है तो बोले कि क्या फर्क पड़ता है चाटने दो। तो मैंने अपनी गांड़ थोड़ी उठाई और टांगें चौड़ी कर दीं।
जिस से मेरी पूरी चूत कालू के सामने आ गई और बह मेरे पीछे बैठ कर बड़े प्यार से चाटने लगा। मुझे भी अजीब सा मज़ा आने लगा और मैं भी राजेश का लंड जोर जोर से चूसने लगी तो। राजेश का लंड भी खड़ा हो गया। मेरा जोश बढ़ने लगा और मैं गर्म होने लगी। मैंने अपनी गांड़ और उठाई तो कालू खड़ा हो कर मेरी चूत के बीच अपनी जीभ डाल डाल कर चाटने लगा।
मैंने राजेश का लंड अपने मुंह में से बाहर निकाला और हाथ से उसे सहलाने लगी तो राजेश बैठ गया और उसने अपना हाथ आगे बढ़ा कर मेरे एक नितम्ब पर थपकी मारी और कालू को मेरे ऊपर चढ़ने का इशारा किया तो कालू ने अपने दोनों अगले पैर उठा कर मेरी गान्ड पर रख दिए और आहिस्ता आहिस्ता धक्के लगाने लगा।
तो राजेश यह देखकर हंसने लगा। तभी मैं आगे से अपनी गर्दन उठाकर पीछे को देखने लगी तो कालू और आगे बढ़ गया और मेरी कमर पर पैर रखकर धक्के लगाने लगा ।अब उस का लंड मेरी चूत पर टच होने लगा। तो मैंने कहा राजेश देखो कालू मुझे चोदने की कोशिश कर रहा है तो राजेश ने सरूर में कह दिया।
कोई बात नहीं मधु इसको भी मज़ा ले लेने दो।इसका छोटा सा लंड तुम्हारा क्या बिगाड़ लेगा।तो मैंने कहा नहीं मुझे तो तुम से ही चुदवाना है।तो राजेश बोला आज तुम मेरा चाटती रहो और कालू को थोड़ा मजा लेने दो। तो कालू का लंड बार बार मेरी चूत पर टच होने से मेरी जिज्ञासा और बढ़ गई कि देखूं तो कितना मज़ा आता है।
मैंने अपनी गांड़ को थोड़ा सा और पीछे किया और एक पीछे करके कालू का लंड चमड़ी समेत अपनी चूत पर सैट किया तो कालू ने मेरी कमर को थोड़ा और ज़ोर से पकड़ लिया और धक्के लगाने लगा तो उसका गर्म लंड मेरी चूत के अंदर बाहर होने लगा जो मुझे पतला सा महसूस होने लगा।
तब राजेश ने पूछा कि कैसा लग रहा है तो मैंने कहा कि गर्म बहुत है पर पतला सा महसूस हो रहा है।और मैं गर्म हो कर राजेश का लंड जोर जोर से चूसने लगी। उधर कालू ने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी तो मैंने कहा कि राजेश बहुत मज़ा आ रहा है तभी कालू ने मेरी कमर के दोनों तरफ अपनी टांगें फैला कर मुझे जकड़ लिया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा.
तो मुझे थोड़ा दर्द होने लगी तो मैंने कहा राजेश मुझे दर्द होने लगी है तभी मुझे लगा कि मेरी चूत में कोई मोटी चीज घुसने की कोशिश कर रही है। इतने में मेरी चीख निकल गई और मोटी सी चीज मेरी चूत को चीरती हुई अंदर घुस गई। मैंने राजेश के लंड को चूसना बंद कर दिया और लम्बी लम्बी सांसे लेने लगी अब कालू की पकड़ थोड़ी ढीली हो गई और उसने धक्के लगाने भी बंद कर दिये।
अब मैंने राजेश से कहा कि मेरे पास बैठ जाओ और मैंने राजेश को लिटा कर अपनी बाहों में ले लिया।अब मेरा दर्द कुछ कम हुआ।और मेरी बच्चेदानी के पास ऐसा महसूस होने लगा कि जैसे कोई चीज छोटे छोटे झटके लगा रही हो। कालू काफी देर तक शांत होकर मेरे ऊपर ही चढ़ा रहा और फिर आहिस्ता आहिस्ता नीचे उतरने लगा अब वह मुंडा और नीचे उतर गया पर उसका लंड मेरी चूत में ही फंसा रहा।
अब कालू की गांड़ मेरी गान्ड से जुड़ी हुई थी। और कालू मुझ से छूटने की कोशिश कर रहा था। तो मैंने राजेश से कहा कि कालू को अभी रोको मुझे दर्द हो रहा है तो राजेश ने उठकर कालू को पकड़ कर प्यार करते हुए मेरे साथ जुड़े हुए रखा। थोड़ी देर बाद मेरे अंदर पिचकारियां चलना शुरू हो गयीं और मुझे बहुत ही मजा आने लगा।
तब कालू ने थोड़ा और ज़ोर बाहर को लगाया तो मुझे थोड़ा दर्द हुआ और कालू का लंड मेरी चूत में से बाहर निकल गया। मैं झट से पीछे मुड़ी और कालू का लंड देखने लगी तो हैरान रह गयी । कालू का लंड अभी भी फूला हुआ था जो नौ इंच से भी लम्बा और काफी मोटा था और पीछे से बड़ी गेंद की तरह था। मैं हैरान थी इतना मेरी चूत के अंदर समाया कैसे।
फिर मेरी चूत में से बहुत सा पानी निकला जो कालू चाट चाट कर साफ़ कर दिया और फिर बह अपना लंड चाटने लगा । मेरी चूत का खुला मु बंद ही नहीं हो रहा था।उधर राजेश भी अपना लंड खड़ा किए हुए फिर रहे थे तो मैंने राजेश से कहा कि कुतिया तो बनी हुई हूं । तुम भी कर लो तो राजेश ने कहा कि तुम घुटनों के बल थक गई हो अब खड़ी हो जाओ और बैड का सहारा लेकर झुक जाओ।
फिर मैं खड़ी हो कर झुक गई और राजेश ने पीछे आकर मेरी चूत में लंड डाल दिया और धक्के लगाने लगा पर उसे मजा नहीं आया फिर बह बोला कि तेरी चूत तो खुली और ठंडी हो गई है ।तो मैंने कहा कि आज गांड़ ही मार लो। तो फिर राजेश ने मेरी गान्ड के सुराख पर थूक लगाया और फिर अपना लंड घुसा दिया और जम कर चुदाई की पर कालू थका नहीं.
बह उठी कर फिर मेरी चूत गांड़ और राजेश का लंड चाटता रहा। अब मेरा और कालू का बहुत प्यार बढ़ गया है । मैं और कालू दोनों घर ही होते हैं। और जब भी दिल करे मैं कालू से चुदवा लेती हूं। अब मैंने कालू को इतना ट्रेंड कर दिया है कि मैं नंगी हो कर पीठ के बल लेट कर अपनी मोटी जांघें चौड़ी कर दूं तो कालू मेरे ऊपर लेट कर भी मर्द की तरह चुदाई कर लेता है.