ये कहानी तब की है जब मेरी गर्लफ्रेंड कृतिका के साथ उसकी कॉलेज की दोस्त मेहर चुदी।
एक दिन कृतिका की दोस्त मेहर का मन ड्रिंक करने का था। तो कृतिका उसको घर ले आयी। मेहर कृतिका अच्छे दोस्त और उस दिन के बाद पता चला कृतिका को मेहर ने बोला था अजय से चुदना है।
कृतिका ने मेरे चोदने के तरीके का बखान कर रखा था। कैसे मै कृतिका को कई घंटो चोदता हूं। उसने बता रखा था मेरा लंड शानदार है ८ इंच बड़ा और मोटा है। मै चोदने मे पीएचडी हूं। वो दोनो आ गए और हम तीनो बैठ के पीने लगे। सिगरेट जॉइंट सब चल रहा था।
कृतिका मुझसे चिपक के बैठी हूं और मेहर हमारे सामने। मै अच्छे मूड मे आ गया था दारु और जॉइंट पी के। कृतिका मुझसे चिपकने मे बिजी थी और मेहर मुझे लाइन देने मे। वो कृतिका की हरकते देख बोली – तेरा ही है आराम से ले लियो कही भाग नही रहा।
कृतिका बोली ” तुझे भी चाहिये क्या ,चाहिए तो बता।”
मै कृतिका के बूब्स पे हाथ फेरते हुए मेहर की तरफ देख के बोला, “क्या फालतू बाते कर रहे कृतिका, shut up।” और मेहर को देखते देखते उसके बूब्स को पीने की चाहत से घूरने लगा। क्या मस्त रसीले गोल चूँचे थे। मेरी हवस जग गयी उसकी सुडौल चूचिया देख।
मन तो किया उसका टॉप फाड़ के नोच लूँ उसकी चूँचिया। मैं जोश में आ गया मेहर की चूँचिया देख के और उसकी नज़रो में नज़रे डाल के कृतिका की चूँचिया कस के मिस दी जैसे निम्बू निचोड़ते है। कृतिका की सिसकारी निकल गयी।
मेरी ये हरकत देख के मेहर ने मुझे एक मादक मुस्कान दी और शॉर्ट्स के ऊपर से मेरा लंड देखने लगी। उसको चोदने की इक्षा इतनी हावी थी की मेरा लंड शॉर्ट्स फाड़ने को तैयार था। शॉर्ट्स के ऊपर से उसका आकर साफ़ साफ़ झलक रहा था।
मेहर और कृतिका खूब नशे मे थी और एक दूसरे को गाली दे के बात करने लगी। मेहर मेरे लंड को चूसने की चाहत से देखते देखते बोली, ” मादरचोद कृतिका तेरे अंदर जो आग लगी है लगता है कोई सही से पानी डाल नहीं रहा।
पानी देने वाले की मोटी लम्बी पाइप सुखी तो नहीं है या कही लीकेज तो नहीं है। कृतिका मेरे लंड पे शॉर्ट्स के ऊपर से ओंठ फिराने लगी और बोली, “कुतिया बोल तो अजय को बोल दू। बहनचोद मेहर तेरा जो हल्का गहरा कुआ है ना अजय गहरा कर देगा और खोद के पानी निकाल देगा।”
मेहर ने ऊपर टॉप और नीचे स्कर्ट पहना था। टॉप के २ बटन खुले थे जिससे चूचियों के दर्शन हो रहे थे। कृतिका की बात सुन मेहर ने अपने टॉप की तीसरी बटन खोल दी जिससे मुझे उसकी काली ब्रा में चूचिया पूरी दिखने लगी। कैसे वो काले पिंजरे में कैद हैं।
ये करने के बाद उसने अपनी टांगो को खोला और स्कर्ट को जांघ तक ऊपर सरका लिया। उसकी काली पतली पैंटी में उसकी चुत की झलक किनारो से मिलने लगी। उसकी चुत पे हल्के हल्के बाल थे क्या ही सेक्सी चुत थी मेहर की।
मेहर बोली, “मेरे कुआ में हल्का पानी है डार्लिंग। और खोद के भर सके मेरा कुआ तेरा वाला तो भरवा दे।”
उसकी रांड जैसी सेक्सी बातो से मेरा लंड एकदम सख्त हो रखा था। मेरे शॉर्ट्स के अंदर वो सांस नहीं ले पा रहा था और शॉर्ट्स को ऊपर धकेल रहा था। अब मैं चोदने के मूड में आ गया था। मैंने शॉर्ट्स की बटन खोली चैन नीचे की।
मैं घर में अंडरवेअर नहीं पहनता हूँ। मेरा लंड टन्न से बाहर आ गया और बांस की तरह खड़ा हो गया। कृतिका मेरा लंड देख बोली वाह अजय आज तो लंड महाराज अलग मूड में लग रहे और बोल के मेरे लंड को चूमने लगी। जीभ से उसको चाटने लगी।
मैं मेहर को देख कृतिका को सिगरेट पीते हुए लंड चुसाने लगा। एक हाथ से सिगरेट पीते पीते मैं कृतिका की गांड एक हाथ से सहलाने लगा। अब मेहर आपे से बाहर हो चुकी थी। मेरा लंड देख के बस वो देख रही थी। कृतिका कैसे मेरा लंड चाव से चूस रही हैं।
वो मेरे बगल में आ के बैठ गयी और मेरी जांघो पे हाथ फिरने लगो और लंड को छुने लगी हाथ से। अब मैंने कृतिका को लंड पे बैठने बोला वो जैसे बिके पे बैठते है मेरे लैंड पे मेरी तरफ टांग उठा के बैठ गयी। लंड फच की आवाज़ के साथ पुरा उसकी चूत मे घुस गया।
उसके बाल मेरे मुँह को ढक रहे थे।मै उसकी चूँची पी रहा था। अब कृतिका अपनी कमर हिला हिला के मुझे चोदने लगी। मैंने मेहर का सर पकड़ और अपने ओंठ उसके ओंठ पे रख दिए और हम दोने एक दूसरे के ओंठ चूसने लगे।
कृतिका के बाल हम दोनों के चेहरे पे लटक रहे थे और हम दोनों कभी कभी कृतिका के बालो के साथ भी एकदूसरे के ओंठो का रस पान कर रहे थे। मेहर और मै एक दूसरे के ओठों को चूस चूस के पी रहे थे,काट काट के खा रहे थे। गज़ब का चुबन चल रहा था।
अब मैंने उसको नीचे लंड पे झुकाया और वो उठ के सोफे के नीचे मेरी टांगो के बीच आ गयी। मेरा लंड कृतिका को चुत की बोरिंग कर रहा था। मेहर मुँह लगा के लंड और चुत दोनों चाटने लगी।
कृतिका को इतना मजा आ रहा था वो बीच बीच में मेहर का सर दबा दबा चुत और लंड चुसवा रही थी।
मै इस नयी अनुभूति से पागल हो चूका था और आँखे बंद कर इसका मजा ले रहा था। अब मैंने कृतिका को हटाया और मेहर के सामने ८ इंच का खूबसूरत मोटा लंड तना खड़ा था। मेहर ने दोनों हाथो से लंड पकड़ा और मेरे अंडकोषों को मेरे टटो को मुँह में लेके चूसने लगी।
अब मैं सोफे पे लेट गया और मेहर लंड पुरा मुह के अंदर ले ले के चूसने लगी। मेरे लंफ के टोपे पे जीभ फिरा फिरा मेरा हाल बेहाल करने लगी। मैंने कृतिका को इशारा किया उसने मेहर को नीचे पूरा नंगा कर दिया और उसकी चुत को जीभ से चाटने लगी। मेहर मस्ती में पागल हो रही थी।
बड़बड़ाते हुए बोली, “सालो बहुत चुदकड़ हो तुम दोनों, ऐसे मस्ती दे रहे जैसे प्रोफेशनल हो।”
कृतिका बोली, “तुझे ही शक था ना मेरी बातो पे मैं तो बोलती थी। अजय से चुद ले और मेरी पार्टनर बन जा।”
मेहर बोली, “पहले कुआ में पानी खोद खोद के भरने दे तब decide होगा ये रिश्ता कितना लम्बा चलेगा।”
अब हम तीनो उठ के बैडरूम में आ गए। मैंने मेहर को लिटा के उसकी दोनों टाँगे पकड़ के अपनी तरफ खींची और हाथो से टांगो को फैलाया। और दोनों हाथो से कमर को पकड़ के चुत पे निशाना लगाया और ८ इंच का लंड मेहर की चुत में दाग दिया।
लंड एकबार में गोली की स्पीड से चुत में गड गया। मेहर अकड़ गयी और मुझे धक्का दे अलग करने लगी। लंड ने उसके चुत की जड़ खोद दी थी और दर्द से कसमसा गयी थी मेहर। मै रुक गया कृतिका मेहर को kiss करने लगी उसके ओंठ चूसने लगी।
मेहर का दर्द थोड़ा काम हुआ तब मैंने एक और जोरदार झटका दिया। मेहर, “मर गयी बोल के सी सी करने लगी। अजय तेरा लंड नहीं है बांस है। जल्दी से चुत फाड़ ना प्लीज दर्द के बाद वाले मजे दे। नहीं सहा जा रहा।”
कृतिका उसकी चूँची चूसते चूसते बोली सोच कैसे अजय ने मुझे पहली बार चोदा होगा। कैसे मैंने इसके तोप के गोले झेले होंगे। गांड फट गयी थी मेहर मेरी। मैं ४ दिन तक चल नहीं पायी थी इतना दर्द था बदन में। पूरा बदन तोड़ दिया था।
मेहर अब घोड़ी बन के चुद रही थी और मेरे झटको से उसके चूत फटने के आवाज़ गूंज रही थी। मै गांड पे चांटे बजा बजा मेहर की चुद का भोसड़ा बना रहा और कृतिका चुत चाट रही थी प्यार से।
मेहर बोली, “बता ना पहली बार कैसे चुदी थी दुबारा अजय के सामने सुनना है।”
मैं बोला बताओ ना कृतिका, “मै भी तो सुनु तुम्हारे अंदर कितनी ठरक थी मेरे लंड की।”
कृतिका बोली, “बहुत थी।”
और बोली अजय को देख के मैं तो पागल हो गयी थी पहले दिन से ही। मन करता था इसको देख के चिपक जाऊ इससे। सोचती थी ये चूमेगा तो कैसे चूमेगा। चूचिया कैसे चूसेगा। लंड कैसा होगा। मजे दे पायेगा या नहीं।
फिर मै अजय की गर्लफ्रेंड बनी। इसने २ महीने कुछ नहीं किया बस फोरहेड पे किश। मै भी शर्म से कुछ बोल नहीं पाती थी। मैं कैसे ठरक दिखा दू पहले जब लड़का ही कोई हिंट नहीं दे रहा। फिर ख्याल आया कही फुस बम तो नहीं जो डर रहा है। या शादी के बाद ही लूंगा वाला है।
एक दिन हम एक मूवी देखने गए ,और मूवी ख़ास नहीं थी भीड़ कम थी। हम पीछे रेकलाइनर वाली सीट पे थे। पूरी रो खाली थी आगे ४ रो तक कोई नहीं था। अजय मेरे गले में हाथ डाल के बैठ गया।
थोड़ी देर मूवी चली मैंने अपने हाथ अजय की जांघ पे रख दिया ,इसने कोई रिएक्शन नहीं दिया तो मै सहलाने लगी और इसके हाथ को अपने बूब्स पे दबा दिया। अजय ने मूवी देखना छोड़ के मुझे रेकलाइनर पे पुरा लिटा दिया है आधा मेरे ऊपर चढ़ के मेरी चूँचियों को पीने लगा है।
ये भूल के की मै थिएटर मे हू 2 घंटे चूँची चुसवाती रही। कई बार कोशिश की लंड पकड़ने की लेकिन उसने बस सलवार के ऊपर से लंड को चूत पे रगड़ा उसको बाहर से घिस घिस के गरम किया।
उसके बाद मेहर मै बस चुदी हूँ और उस दिन के बाद से आजतक चुद ही रही हूँ। और हम सब हस दिए। उसके बाद लगातार १ महीने २० दिन इसने मेरी सिर्फ चूँची पी है। कहा कहा नहीं चूसा है इसने मेरी चूची।
गार्डरूम में २ -२ घंटे, मूवी में ३ ३ घंटे। क्लासरूम में पीछे क्लास के बीच जबरदस्ती। कैंटीन मे उसके स्टोरे मे। लंड को चूत आउट गांड पे चिका चिपका ये तो बता दिया लंड गांडफाड़ है। क्या बताऊ एक महीने तक इसने सिर्फ गरम किया मुझे।
फिर एक दिन लेके अपने फ्लैट पे आ गया। रूम लॉक किया और हम दोनों एकदुरे से लिपट गए। खूब चूमा एकदूसरे को हमने इसने खड़े खड़े मेरी चूँचियो को चूस चूस के लाल कर दिया। और bed के गिरा दिया और मेरी पेंट खोली।
उतार के अलग किया, पैंटी निकली और थूक लगा के लंड एकबार में चुत में उतार दिया। मेरी चुत चर्चारती हुई फट रही थी जैसे कुल्हाड़ी से लकड़ी फाड़ते है। मै चीखी चिल्लाई लेकिन इसने उस दिन बस चोदा बहन। १२ बजे से लेके हॉस्टल के अंदर ८ बजे जाने तक मैं ६ बजे तक सिर्फ चुदी हु।
हरामी ने चुत का भोसड़ा बना दिया था। मेरी चुत को अपने मुसल से रौंद दिया था। अब समझ आया था नहीं करता १ महीने मुझे चूँची चूस चूस गरम तब तो बेहोश हो जाती इसके लंड की ताकत के आगे। उसके बाद तो इसके लंड ने मुझे हर तरीके के मजे दिए।
तड़पाया तरसाया चोदा चुदना सिखाया। ये बोल के कृतिका ने मेहर हटाई और मेरे लंड को चुत में ले लिया , मैंने उसको बिछा बिछा के २५ मिनट चोदा ,हमारी चुदाई देख मेहर झड़ गयी और २५ मिनट बाद कृतिका। रह गया मै प्यासा।
अब मैंने मेहर को लिटाया और लेट के उसकी चुत चाटने लगा। मै चुत चाटने में खिलाडी हूँ। फिर उसके ऊपर चढ़ उसके बूब्स को दबा दबा के पीने लगा। वो मस्ती में मेरे बॉल नोचने लगी। अब मैंने पैर से इसके पैर को खिसका के लंड को कमर हिला के चुत पे लगाय।
मेरा लंड कड़क था एकदम तना था। चुत की दरारों को लंड से रगड़ने लगा। अब मैंने उसके गालो पे हाथ फेरते फेरते उसको ओंठो को चूमा और लंड महाराज को उसकी तीखी सेक्सी चुत में घुसा दिया। मस्ती में वो दांतो से ओठो को काटने लगी।
मैंने उसको इस तरह ५५ मिनट चोदा। वो थक के चूर हो गयी थी। अब मैंने पोजीशन बदली और हाथो से उसके पैर को पकड़ के घुटने उसके कंधे पे ला दिया। अब उसकी चुत आसमान की तरफ खुली थी। मैंने उसकी चुत को कूद कूद के चोदन लगा और वो मस्त हो ५ मिनट में झड़ गयी।
मैं उसको चोद चोद के ६ घंटे में कई बार झाड़ा फिर खुद झड़ गया और अपना पूरा माल उसके शरीर पे बिखेर दिया। मेहर के चेहरे पे चुदाई के बाद की आत्मसन्तुस्टि थी। हमने चुदाई के बाद एकदूसरे को प्यार से २-3 मिनट चूमा और लगा हुए।
वो बोली कृतिका आज से मै तेरी चुदाई पार्टनर। कमाल का दमदार लंड है।मजा आ गया बहन चुद के अजय के लंड राजा से। अब मेहर मेरे लंड की दीवानी है और वक़्त वक़्त पे आती है चुदने। मै भी उसको हरबार आखिरी बार चोदने के ख्याल से हिला हिला के चोदता हूँ।