मेरी चुदक्कड़ पायल बिटिया

नमस्कार दोस्तो मैं हूं आपका दोस्त मुकेश और जिसके बारे में आप सभी ने मेरी पिछली कहानी “भोली बेटी चुदक्कड़ निकली” को काफी अच्छा रिस्पॉन्स दिया, तो उसके वादे अनुसार मैं अपनी बेटी पायल की चुदाई के काई और किस्से आपके साथ शेयर करूंगा।

उस दिन मैंने पायल और हमारे मोहल्ले के बदमाश, नशेड़ी और आवारा लड़के के साथ चुदाई देखी, उसने मुझे बताया था तो इसी के लिए उसने 3 बार पायल की चुदाई की और तीसरी बार तो मैं भी अपने आप को नहीं रोक सका और मैंने भी उनकी चुदाई की। देखते हुए अपने लोडे को शांत किया।

खैर उसके बाद जेसे ही मेरी ड्यूटी से वापसी आने का समय होता है उसे करीब 30 मिनट पहले पायल ने राजू को हमारे घर से रावण कर दिया और कमरे में सब कुछ ठीक कर दिया जिसने मुझे शक हो सकता था, उसने चुदाई के सारे सबूत मिटाए दीये.

क्योंकि उसके बिस्तर की चादर देख कर कोई भी आसान से बता सकता था कि आज हमारे बिस्तर पर सिर्फ चुदाई नहीं बहुत ज्यादा बड़ी चुदाई हुई है, खैर इसी लिया पायल ने हमें बिस्तर की चादर बदल दी।

ठीक आधे घंटे बाद मैंने घर के पीछे से आकर मुख्य दरवाजे की घंटी बजा दी और ठीक 1 मिनट के अंदर ही पायल ने दरवाजा खोल दिया।

मैंने उसे ही उसका चेहरा देखा तो आज मुझे उसके चेहरे पर एक अलग ही नूर और संतुष्टि साफ नजर आ रही थी, उसने गुलाबी कुर्ती और सफेद सलवार पहन राखी थी और उसके छोटे छोटे चुचियों पर उसके निपल अभी पूरी तरह से खड़े हुए थे जैसे मैं साफ तोर पर देख पा रहा था, शायद उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी।

पायल- पापा आप आ गये!

मैं – हां बेटी और बताओ आज का तुम्हारा दिन कॉलेज केसा रहा आज तुम्हारा जन्मदिन कौन है? (मैंने घर के अंदर जाता हुए पूछा) पायल – बहुत अच्छा पापा, आज मुझे कॉलेज में बहुत मजा आया, अपने दोस्त के साथ हमने खूब एन्जॉय किया।

मैंने सोचा – कामिनी तुम्हें आज केसा मजा आया मैं अच्छी तरह जनता हूं।

मैं- ये तो बहुत अच्छी बात है, चलो बेटी आज हम भी बाहर खाना खाने चलते हैं!

पायल- सच पापा!

मैं- हां आज मेरी प्यारी बेटी का बर्थडे जो है।

मेरी बात सुन कर पायल मेरे गले से लग गई और उसके शरीर का मेरे शरीर से यू जुडना मुझे एक अजीब सा एहसास दे गया।

मैं – चल अब अच्छे से कपडे पहन हम चलते हैं बाहर खाने।

मेरी बात सुन कर पायल ने मुझे और जोर से बाहों में जकड़ लिया, जिसने मुझे एक बांध से खड़े निप्पल का एहसास मिल गया और मैं तो मानो मास मगन ही हो गया।

पायल – थैंक यू पापा (वो मुझसे अलग होते हुए बोली) इसके बाद वो त्यार हो गई और उसने काफी सेक्सी ड्रेस पहनी थी, हम दोनों दिन करने बाहर गए और वाहा भी वो मेरे साथ कई बार चिपकी और मैंने भी हमें समय का खूब मजा दिया लिया और उसके बाद हम घर आ गए और उस रात मैंने उसके नाम एक बार और मुठ मारी।

उस दिन के बाद मुझे क्योंकि बेचनी सी होने लगी थी, मैं पायल के अंदरुनी जिस्म को एक बार फिर से निहारना चाहता था, पर मुझे कोई मोका ही नहीं मिल रहा था, मैंने एक दो बार बाथरूम में भी जाने की कोशिश की जब वो नहाया राही होती थी पर मैं नाकाम रहा।

उसके बाद मैंने काई बार ऑफिस से जल्दी घर आकर उसपर नज़र रखी, पर मुझे वो मोका दोबारा नहीं मिल रहा था जो उसके जन्मदिन के दिन मिला था।

ऐसा ही लगभाग एक महीना बीत गया पर मुझे कोई मोका नहीं मिला, मैंने भी अब उम्मीद सी छोड़ दी थी और मैं अपने काम में मस्त होने लगा था।

पर एक दिन जब मैं ऑफिस जाऊंगा तो मुझे अपने कमरे से निकलते हुए कुछ गड़बड़ाने की आवाज सुनाई दी।

वो आवाज पायल के कमरे से आ रही थी, शायद वो किसी के साथ फोन पर बात कर रही थी।

पायल- हां मैं आ जाऊंगी बाबा तुम अब ज्यादा बात मत करो पापा अभी घर पर ही हैं। मैं थोड़ी देर में तुम्हें वही मिलती हूं।

पायल की ये बात सुन कर मैं समझ गया कि वो आज कॉलेज तो नहीं जाने वाली, लगता है उसका कोई और ही प्लान है आज का, ये बात सोचते हुए मैं मन ही मन मुस्कुरा उठा और दबे जोड़ी घर से बाहर आ गई।

मुख्य बाइक स्टार्ट की और निकलने से पहले एक बार जोर से रेस दी ताकि बाइक की आवाज से पायल को पता चल जाए कि मैं घर से निकल गया हूं।

मैंने घर से निकलते ही बाइक पर चलते हुए ऑफिस में फोन किया और कह दिया कि मैं आज नहीं आ सकता मुझे एक बहुत जरूरी काम आन पड़ा है।

घर से थोड़ी दूर आकर मैं चौक पर रुक गया, हमारे घर से अगर कहीं भी जाना हो तो इस चौक से जरूर होना पड़ता है, पर मेरे लिए मामला ये थी कि पायल ऑटो में जाने वाली थी, इसके लिए मुझे वहा अच्छे से नजर रखनी थी.

क्योंकि अगर वो एक बार मेरी नजर में आए यहां से निकल गई तो मुख्य उपयोग नहीं ढूंढ पता क्योंकि मुझे ये बिल्कुल नहीं पता था कि वो आखिर जा रही है।

खैर मैंने बाइक साइड में लगाई और बड़े ध्यान से सभी ऑटो में देखने लगा, मुझे मुश्किल तब हो रही थी जब चौक पर ग्रीन लाइट होती थी, क्योंकि रेड लाइट में तो मुझे पूरा मोका मिल रहा था सभी ऑटो में झांकने का।

लगभाग 20 मिनट बाद मेरी तो इसकी किस्मत की चमक गई, मैंने पायल को एक ऑटो में बैठकर देख लिया, मैंने उसकी नजर से बचते हुए बाइक उसी ऑटो के पीछे लगा दी और कुछ ही मिट्स के बार वो ऑटो एक मॉल के सामने रुक गई।

मैं समझ गया कि वो मॉल में किसी से मिलने वाली है, जब तक वो ऑटो वाले को पैसे दे रही थी मैंने फटा फैट से मॉल में घुस कर बाइक पार्किंग में लगा दी, क्योंकि मैं जानता हूं कि वो मॉल बहुत बड़ा है और मैं अब किसी भी हालत में पायल को अपनी नजरों से ओझल नहीं होना देना चाहता था, लेकिन मैं कामयाब रहा और मैं उसके पीछे-पीछे मॉल में पहुंच गया।

अंदर जाकर उसने किसी को फोन मिलाया और वो वही खड़ी इंतजार करने लगी, मुझे लगा शायद उसने राजू को ही फोन किया होगा वो उससे यहां मिलने आई हो।

पर मैं गलत था.. क्योंकि अगले ही पल उसके साथ एक लड़का खड़ा था जिसे मैंने पहले कभी नहीं देखा था, वो हमारे मोहल्ले का तो बिल्कुल नहीं था, शायद वो उसके कॉलेज में पढ़ता होगा।

कुछ देर वही बात करने के बाद उस लड़के ने पायल के हाथ में हाथ डाला और वो उसका हाथ पकड़ कर मॉल में यहां वहां घुमने लगा, वो दोनों एक दो स्टोर में भी गए।

मुझे नहीं लगेगा कि उन्हें ने कोई शॉपिंग की होगी और फिर देखते ही देखते वो दोनों सिनेमा टिकट काउंटर के सामने चले गए और उस लड़के ने शायद वहां से टिकट ले ली और वो अनादर चले गए। ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।

किस्मत से वहा शीशा लगा हुआ था वो मैं उन्हें अंदर देख सकता था और मेरे लिए जाना जरूरी था कि वो कौन सी फिल्म देख रहे हैं, तभी मैंने उन्हें स्क्रीन 2 में एंटर होते हुए देख लिया और मैंने भी देर ना करते हुए टिकट ले ली उपयोग स्क्रीन की पर मुख्य फिल्म शुरू होने के 15 मिनट बाद अंदर गया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि पायल रोशनी मुझे वहां देख ले।

वो एक कार्टून फिल्म थी, इस लिए अंदर काफी बच्चे थे, शायद स्कूल की और से आये थे वो सब, खैर मैं ऊपर आखिरी पंक्ति की टिकट ली थी, मैं वहां जाकर बैठ गया और इधर उधर नजरे घुमाने लगा, काफी नजर घुमाने के बाद में मुझे पायल दिख ही गई, वो दोनो लास्ट रो से एक नीचे एक कोने में बैठे थे।

मैं आखिरी पंक्ति में बीच में बैठा था, क्योंकि कार्टून फिल्म थी तो बच्चे आगे ही बैठे थे, और पीछे तो सिर्फ 1-2 जोड़े हाय थे, जबकी आखिरी पंक्ति में मैं अकेला था। फिल्म चालू थी पर मेरा ध्यान पायल और उस लड़के पर ही था।

लगभाग 20 मिनट बाद वो हुआ जो मैं देखना चाहता था, पायल और वो दोनों लड़के अपनी किसिंग करने लग गए, मुझे साफ तो नहीं दिख रहा था, पर उस लड़के ने पायल को पकड़ कर अपना आगे किया हुआ था और वो दोनों अपनी किसिंग मुझे मस्त कर रही थी द.

वाहा बेथ 1-2 कपल्स भी अपने काम में लगे हुए थे, मैं भी मस्ती में आकर पेंट के ऊपर से अपने लंड को रगड़ने लगा, पर जैसे ही मैंने पायल की तरफ एक नज़र और देखा तो मैं भी थोड़ा हेयरन सा हो गया।

क्योंकि अब वो दोनों किस नहीं कर रहे थे, पायल का सर उस लड़के के हाथ में था और वो उसकी भगवान में झुकी हुई थी और उसका सारा लगतार ऊपर नीचे हो रहा था, ये देख कर मुझे समझने में देर नहीं लगी कि पायल हमसे लड़के का लौड़ा चूस रही है.

ये कैसा कुछ मिनट ऐसे ही चला और तभी कुछ देर बाद इंटरवल हो गया, जिसे मैं भी चुप सा गया ताकि पायल लाइट में मुझे वहा ना देख ले, पर वो दोनों अपनी ही मस्ती में वहां से बाहर जाने लगे।

जेसे ही वो बहार निकले मुझे एक शक हुआ और मैं भी भाग कर बहार आया तो मेरा शक सही में बदल गया, वो दोनों सिनेमा हाल से निकल कर बहार की और जा रहे थे।

मैं भी उनके पीछे-पीछे हो लिया और वो पार्किंग में पहुंच गए, उस लेक ने अपनी बाइक स्टार्ट की और वोडोनो बैठ कर वहां से चल दिए, मैंने भी फटा-फट से बाइक उके पीछे लगा ली।

हम काफी दूर आ गए थे लगभद चांदगढ़ से बहार ही निकल गए थे, तभी उस लड़के ने बाइक एक पार्क के पास लगाई और वो आगे बढ़ने लगा और उसके पीछे-पीछे पायल भी और वो जिस तरह की सरकार टॉयलेट बने होते हैं वहां पर एक था उसके पीछे की और चले गए।

मैंने भी बाइक साइड में लगाई और 5 मिनट वेट करने के बाद उसकी तरफ चल दिया, वहां देखा तो पीछे जंगल सा था काफी झाड़ियां वगेरा था, टॉयलेट के पीछे एक पुराना सा समारा था, या फिर मैं काहू एक पुराना टॉयलेट था।

मैं उसके करीब गया तो मुझे इसकी बात करने की आवाज आई, मैंने चुपके से वाहा बाकी एक पुरानी सी दीवार के पीछे झांक कर देखा तो मुझे वो दोनों दिख गए।

पर वो दोनों सामान्य दशा में नहीं थे, उस लड़के की पेंट और अंडरवेयर उसके घुटनो के नीचे था और पायल अपने घुटनो के बाल नीचे बैठ उसके लोडे को मुंह में लेकर चूस रही थी।

वो लड़का मस्ती में सिस्कारियां भर रहा था “आह्ह्ह मेरी जान्न पायल ऐसे ही चूस मेरे लोडे को आह्ह्ह्ह मजा आ रहा है” इतने लंबे हुए उसने पायल का सर अपने हाथों में पकड़ा और थोड़ी और तेजी से अपना लोडा पायल के मुंह में अंदर बाहर किया lga ya yu kaho chut ki tarah payal ka muh chodne lga.

पायल भी मस्ती में उसके लोडे को जोकी लगभर 8″ का तो होगा ही उसे आधे से ज्यादा मुंह में लेकर चूस रही थी।

तभी कुछ देर बाद उसने पलाद के मुंह से अपना लोडा निकाला और उसे खादी करके उसके होंठ चूसने लगा और पायल भी पूरी मस्ती में उसका साथ देने लगी और एक हाथ से उसके लोडे को मसलने लगी।

कितने दिन हो गए तेरी टाइट फुदी चोदे हुए आज अच्छे से तसई करुंगा अपनी भी और तेरी भी – वो लड़का किस से आजाद होते हुए बोला।

तब भी उसने पायल की कमीज उतारनी चाही तो पायल ने उसे रोका और बोली – नहीं यहां कोई आ गया तो पंगा हो जाएगा।

कोई नहीं आएगा यहाँ, पिछली बार आया था क्या कोई – वो लड़का बोला।

नहीं मुझसे डर लगता है, मेरे कहा भी था कहीं और चलो – पायल थोड़ा नखरा करते हुए बोली।

चल थोड़ा ऊपर तो कर तेरी नंगी चुचियां देखे हुए बड़े दिन हो गए हैं, प्लीज इनका रसपान तो करवादे जान – वो लड़का पायल की चुचियां कमीज के ऊपर से ही मसलते हुए बोला।

पायल ने भी उसे आंख ही आंख में आज्ञा दे दी और उस लड़के ने बिना देर किया पायल का काम उसकी छोटी छोटी चुचियों के ऊपर पहनचा दिया, और देखते ही देखते नीचे झुक कर एक चुची को मुंह में भर कर दूसरी चुची को अपने हाथ से मसलन एलजीए.

वो ऐसे ही 5 मिनट में कभी किस करता तो कभी पायल की चुचियां चूसता और उनके हाथों से रगड़ता, कभी-कभी नीचे हाथ लेकर सलवार के ऊपर से ही पायल की चूत रगड़ देता।

एक लड़की को गरम करने के लिए ये सब काफी था और पायल की हालत देख कर मैं समझ गया था कि अब वो अपने होश में नहीं है, वो पूरी तरह से उस लड़के के काबू में थी।

चल अब तेरी चूत की थकाई करता हूं मेरी जान, बोल खायेगी तेरी फुदी मेरा लोडा – उस लड़के ने पायल के कान के पास जाकर बोला।

आह्ह्ह्ह मेरे राजा मेरी चूत पानी आज अच्छे से निकालो, कितने दिनों से तो तड़प रही हूँ, मेरी चूत तो कबसे तुम्हारे नागराज के इतज़ार में बैठी है – पायल ने सिस्कियाते हुए बोला।

तभी उस लड़के ने पायल की सलवार का नाड़ा खोल दिया और देखते ही देखते उसकी सलवार बिना की ब्रेक के पायल के जोड़े में जा गिरी और उस लड़के ने पायल को एक बांध से नीचे गैस पर रख दिया और उसकी पेंटी को भी उसी टैंगों से निकाल दिया फेन्का.

उसने अपना लोडा चूत के मुहाने पर रखा और पछार से अपना लोडा अंदर की और घुसा दिया, उस लड़के का लोडा लंबा होने के साथ साथ मोटा भी था जिस कारा पहली बार घुसाने में शायद जादा घरशान लग गया और पायल के मुंह से एक चिक सी निकल गयी.

अह्ह्ह्हह्ह प्लीज़ धीरे अम्म्म्म!

तबी उस लड़के ने लोडा बहार खींच लिया और अपने हाथ में थूक लेकर उसपर मालने लगा और एक बार फिर पायल की चूत के मुंह पर रख कर धक्का दिया और उसके आधा लोडा उसकी चूत में समा गया और पायल के मुंह से एक अह्ह्ह्हह सी निकल गई .

पर इस बार ये अह्ह्ह्हह मस्ती भरी थी, जिसका वो लड़का अच्छे से भनफ गया था, उसने भी मोका देखा ही एक और धक्का दिया और पूरा लोडा पायल की चूत में उतार दिया और देखते ही आगे पीछे होते हुए पायल की चूत चोदने लगा। ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।

पायल – अह्ह्ह्ह अम्म्म्म्म्म ऐसे हाय मोहित ऐसे अह्ह्ह्ह.

पायल के मुँह से ये बात सुन कर मैं समझ गया कि इस लड़के का नाम मोहित है।

मोहित – सइइइइइ मेरी रानी तेरी चूत को मैं आज अच्छे से चोदूंगा, अच्छे से मिटाऊंगा इसकी खुशी।

पायल- हां अच्छे से मिटाओ मेरी चूत की खुजली ये साली मुझे बहुत तंग करती है।

मोहित – अच्छा तो ये मेरी पायल रानी को तंग करती है, ले अब देख इस धुनाई केसे करता हूँ मैं।

ऐसा बोलते ही मोहित में अपने धक्कों की स्पीड तेज कर दी और वो एक रफ्तार के साथ पायल की ठुकाई करने लगा, पछह पछहह की आवाज साफ साफ मेरे कानों तक आने लगी।

वो अपने लोडे को टॉप तक बाहर निकालता है और अपने वजन का पूरा जोर डालते हुए थप्पप्पप्प से पायल की चूत में उतार देता है और जब वो ऐसे करता है पायल का पूरा शरीर ठरक जाता है।

पायल – आह्ह्ह्ह मोहित ऐसे ही करो मेरी इस शरारती चूत की पिटाई आह्ह्ह्ह ऐसे ही चोदो इसे.. पायल की बात सुन कर शायद मोहित को और जोश आ गया और वो थोड़ी और तेजी से पायल की चुदाई करने लगेगी।

मैं साफ साफ देख सकता था, जब जब उसका लोडा चूत के अंदर जा कर बाहर को आता तो उसके घर के साथ पयाकी की फुदी का थोड़ा मांस भी उसके साथ बाहर निकल आता और वो फाटक के अगले धक्के के साथ उसे दोबारा अंदर कर देता।

पायल – अह्ह्ह्ह ऐसे ही ऐसे मैं झड़ने वाली हूँ मोहित अह्ह्ह्हह रूंका नहीं अह्ह्ह्ह मजा आ रहा है।

मोहित – बहनचोद आज जब तक तू रुकने को नहीं बोलेगी तब तक तेरी फुदी की ठुकाई करूंगा मैं!!!

पायल – अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मोहित अह्ह्ह्हह सिइइइइइइ मैं गयी अह्ह्ह्हह्ह.

इतना बोलते ही पायल झड़ गई, पर मोहित अपनी उसी रफ़्तार से चुदाई करता रहा, कुछ पल बाद पायल थोड़ी ही देर में लगी, मोहित भी शायद समझ गया था क्योंकि वो झड़ जो गई थी।

तभी उसने अपना लोडा पायल की चूत से निकल दिया और उसकी इस हरकत से पायल ने उसे मुस्कुरा कर देखा, अगले पर मोहित ने पायल को हेरन भी कर दिया, जब उसने उसे उल्टा कर घोड़ी बना दिया, ये सब इतनी जल्दी हुआ की शायद पायल समझ ही नहीं पाई कुछ.

उसने पायल को घुटनो के बाल करके उसे कुतिया बना दिया और पीछे लोडा फिर से उसकी चूत में पेल दिया और उसके दोनों हाथों को पकड़ कर अपने एक हाथ ऊपर की और खींच लिया।

अब पायल घुटनो के बाल थी और उसका जिस्म हवा में था क्योंकि उसके हाथ पीछे से मोहित ने पकड़ लिया था और पीछे से धक्के की बोझ चालू कर दी थी।

मोहित पूरी रफ्तार के साथ पायल को पीछे से चोदने लगा, पायल थोड़ी थिर थिराई पर अब वो मोहित के पूरे काबू में थी।

पायल – अह्ह्ह्हह्ह प्लीज़ चोदो आह्ह्ह्ह दर्द हो रहा है.

मोहित- साली अच्छी तूने तो मजा ले लिया मेरे मजे का क्या होगा, आज तू ही बोल रही थी ना मेरी चूत की पिटाई करो, अब देख केसे पिटता हूं तेरी फुदी को.. इतना बोलता ही मोहित ने एक हाथ से गांड कर ली 3-4 तप्पड़ दे मारे जिसकी आवाज बहुत ताज थी।

पायल – अह्ह्ह्हह्ह मोहित अह्ह्ह्हह मेरी चूत में दर्द हो रहा है अह्ह्ह्हह्ह.

मोहित – मेरी जान डर के बाद ही तो मजा आएगा अह्ह्ह्हह्ह.

5 मिनट के बाद पायल फिर से मस्ती में आ गई और वो भी मोहित का साथ देते हुए अपनी गांड को उसके लंड पर मरने लगी, जिसे देख कर मोहित भी मगन हो गया और तेजी से पायल की फुदी ठोकने लगा।

पायल – अह्ह्ह्हह मोहित ऐसे करो तुदाई मेरी फुदी की अह्ह्ह्हह्ह चोदो मुझे और तेज अह्ह्ह्हह्ह.

मोहित- मेरी रंडी बनेगी तू बहनचोद साली अह्ह्ह्हह सीइइइइइ चुदेगी ऐसे ही रोज मुझसे…?

पायल- बनूंगी क्या मैं तो हूं ही तुम्हारी रंडी आह्ह्ह्ह मेरी चूत में बहुत मजा आ रहा है।

मोहित ऐसे ही 15 मिनट तक पायल की चुदाई कर रहा था और पायल सिसकियाँ लेती हुई 3 बार और झड़ गई थी, तभी देखते हाय देखते मोहित की सिस्कारियाँ भी तेज हो गई और लम्बे लम्बे धक्के लगाने लगी।

मोहित – अह्ह्ह्हह जान मन झड़ने वाला हूँ अह्ह्ह्हह्ह.

पायल- मेरी चूत में से निकल दो अपनी मलाई मेरे राजा और बुझा दो मेरी चूत की प्यास।

अगले 2-3 धक्कों में हाय मोहित पायल की चूत में हाय झड़ गया और उसका पानी पायल के पानी से मिल कर उसकी चूत से टपकने लगा।

चुदाई के 2-3 दिन बाद वो दोनों जैसे ही होश में आए, उन्हें तभी अपने कपडे पहनना शुरू कर दिया, मैं समझ गया कि दोनों को यहां किसी के आने का डर है इसी के लिए ये यहां से निकल जाना चाहता है।

इस पहले कि वो निकलते मैं वहां से निकल गया पर मेरा लोडा अभी भी तन गया था जिसमें बहुत दर्द भी हो रहा था, पर मैंने अपने आप पर काबू किया और अपनी बाइक लेकर थोड़ी दूर जाकर चुप हो गया।

5 मिनट बाद वो दोनो भी वाहा से बाइक पर निकल गए, मैंने उनका पिचा किया उसके बाद भी, पर वो दोनों बस यहां वहां घूम रहे थे और फिर कॉलेज टाइम से पहले उस लड़के ने पायल को हमारे घर के पास छोड़ दिया।

मैं भी रोज़ की तरह घर पहुँचता हूँ और घर आते ही सारी बातें दोबारा सोच कर मुठ मार कर अपने आप को शांत कर लेता हूँ।

मम्मी से ज्यादा मुझे चोदते हैं मेरे पापा

आज मैं आपको अपनी अन्तर्वासना की कहानी यानी बाप बेटी की सेक्स कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूँ। ये मेरी पहली सेक्स कहानी है। मैं पहली

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